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हिंदू समाज की एकता व समानता को समर्पित रहा आंबेडकर और हेडगेवार का जीवन : डॉ. भागवत

सभा को संबोधित करते सरसंघचालक मोहन भागवत जी

कानपुर, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि आज देश डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती मना रहा है और आज ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कानपुर प्रांत कार्यालय केशव भवन का प्रवेश उत्सव भी मनाया जा रहा है। ऐसा इसलिए कि डॉ. आंबेडकर और संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का पूरा जीवन हिंदू समाज की एकता एवं समानता के लिए समर्पित रहा। यह अलग बात है डॉ. आंबेडकर ने अंतिम दिनों में बौद्ध धर्म अपना लिया था, लेकिन एकता समानता एवं बंधुत्व से कभी विमुख नहीं हुए। संघ प्रमुख सोमवार को कानपुर में संघ के प्रांत कार्यालय के लोकार्पण के दौरान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

पांच दिवसीय कानपुर प्रवास पर आए सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि संघ स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व के विचार धारा पर काम कर रहा है और इसी विचारधारा पर डॉ. भीमराव आंबेडकर भी कार्यरत रहे। एक बार डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि यह विचार हमने फ्रांसीसी क्रांति से नहीं लिया, बल्कि यह बुद्ध के विचार से अपनाया गया है। विषमता को जड़ से उखाड़ देने के रूप में बाइक के अगर बाबा साहब पैडल किक थे तो संघ भी स्टार्टर है। संघ एक जीवन व वातावरण है, संंघ का काम सबको जोड़ने का है। डॉ. आंबेडकर ने जो कार्य किया था, उसकार्य को ही संघ कर रहा है।

उन्होंने कहा कि संघ संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और डॉ. भीमराव आंबेडकर ने अपना पूरा जीवन समाज के लिए लगा दिया। दोनों हिंदू समाज में एकता व समानता के लिए प्रयासरत रहें। दोनों का काम एक ही था। बस अंतर यह था कि दोनों ने अलग-अलग इस कार्य को शुरू किया। एक बार 1934 में डॉ. आंबेडकर संघ की शाखा में गए। वहां उन्होंने कहा था कि कुछ बातों में मतभेद हैं, इसके बावजूद संघ को अपनत्व के भाव से देखता हूं। उनकी यह बातें तत्कालीन एक समाचार पत्र में भी छपी थीं। संघ एक भावना और एक जीवन है।

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(Udaipur Kiran) / अजय सिंह

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