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दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगाने में भेदभाव का आरोप, हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को समयबद्ध तरीके से फैसला करने को कहा

दिल्ली हाई कोर्ट (फाइलफोटो)

नई दिल्ली, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वो लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अभय वर्मा की उस शिकायत पर फैसला करें, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार उन स्थानों पर ही सीसीटीवी कैमरे लगवा रही है, जहां से आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गए हैं। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि मुख्य सचिव इस मामले पर समयबद्ध तरीके से फैसला करें।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील संतोष त्रिपाठी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया है और याचिका राजनीति से प्रेरित है। अभय वर्मा की याचिका में कहा गया था कि पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2020-21 के अपने बजट भाषण में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की घोषणा की थी। सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए पीडब्ल्यूडी मंत्री को अधिकृत किया गया था। पीडब्ल्यूडी मंत्री इस मामले में भेदभाव कर रहे हैं और वे वहीं सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमति दे रहे हैं, जहां से आम आदमी पार्टी के विधायक चुने गए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वकील सत्यरंजन स्वैन ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री ने लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में जानबूझकर सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमति नहीं दी।

याचिका में कहा गया था कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र में 2066 सीसीटीवी कैमरे की जरूरत होगी। इसके लिए याचिकाकर्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रतिवेदन दिया था लेकिन उस पर कोई जवाब नहीं आया। उसके बाद याचिकाकर्ता ने दिल्ली के मुख्य सचिव को भी इस बारे में पत्र लिखा। याचिका में कहा गया था कि सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाने से इलाके के कानून-व्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है। याचिका में मांग की गई थी कि याचिकाकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड के सर्वे के मुताबिक सीसीटीवी कैमरे लगवाने का निर्देश जारी किया जाए।

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(Udaipur Kiran) पाश / दधिबल यादव

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