प्रयागराज 4 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । संभल जिले की चंदौसी जामा मस्जिद के सर्वे के दौरानं भड़की हिंसा, आगजनी व फायरिंग में पांच लोगों की मौत के मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने यहा आदेश दिया।
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को सरकार द्वारा हाई कोर्ट जज की न्यायिक आयोग गठित करने की जानकारी दी। इसके बाद याची अधिवक्ता ने पुलिस के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग पर बल दिया। इस पर कोर्ट ने कहा कि आयोग की जांच हो रही है। याची चाहे तो उचित फोरम पर बात रख सकता है। इस पर याची अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने की प्रार्थना की जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। याचिका पर सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं डिप्टी सालिसिटर जनरल ने भी पक्ष रखा।
याचिका में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर आयुक्त मुरादाबाद, डीएम, एसपी संभल, एसडीएम चंदौसी, सीओ संभल एवं एडवोकेट कमिश्नर टीम के सदस्यों की फसाद में भूमिका की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी। साथ ही स्वतंत्र जांच एजेंसी से संभल घटना में राज्य सरकार व प्रशासन की भूमिका की भी जांच कराने की मांग की गई थी। यह याचिका वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार आनंद प्रकाश तिवारी ने दाखिल की थी।
याचिका में कहा गया था कि 19 नवंबर 2024 को सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल की अदालत में आठ लोगों ने सिविल वाद दायर की और कहा कि जामा मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गई है। इसका सर्वे कराया जाय। इसी दिन अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर सर्वे का आदेश जारी कर दिया और सुनवाई की तिथि 29 नवंबर नियत कर सर्वे रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। प्रशासन ने इसकी जानकारी मस्जिद कमेटी को दी। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष एवं जिलाधिकारी व पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में 19 नवंबर को रात नौ बजे तक सर्वे पूरा कर लिया गया। सारी कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
23 नवंबर की देर शाम एसएचओ ने मस्जिद कमेटी के चेयरमैन को 24 नवंबर को दोबारा सर्वे करते समय मौजूद रहने की सूचना दी। इस पर कमेटी के अधिवक्ता ने आपत्ति की कि दूसरा सर्वे कराने का कोर्ट का आदेश नहीं है। इसलिए सर्व न किया जाय और विरोध किया। इसके बाद 24 नवंबर को सुबह 7 बजे एसडीएम चंदौसी व सीओ संभल ने मस्जिद कमेटी अध्यक्ष को घर आकर सर्वे की मौखिक सूचना दी और डीएम, एसपी, एसडीएम चंदौसी व भारी पुलिस बल के साथ एडवोकेट कमिश्नर टीम पचास लोगों के साथ आई। लोग धार्मिक नारे लगा रहे थे। दूसरे धर्म के लोगों को उकसा रहे थे। इसी बीच दूसरे संप्रदाय की भीड़ इकट्ठा हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। दूसरी तरफ से पथराव शुरू हो गया। पुलिस पर फायरिंग करने का भी आरोप है और कहा गया है कि घटना में पांच लोगों की मौत हो गई। याचिका में घटना के लिए प्रशासनिक षड्यंत्र की आशंका व्यक्त की गई है।———–
(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला