
पूर्वी चंपारण,03 जून (Udaipur Kiran) ।भारत का संविधान एक जिन्दा दस्तावेज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी जिंदगी की वाजिब हक की व्याख्या करते हुकूमत को यह जिम्मेदारी सौपी है,कि वह समाज में ऐसा बेहतर माहौल बनाये जहां हर इंसान सेहतमंद रहकर अपनी जिंदगी गुजार सके।
उक्त बातें मंगलवार को चकिया स्थित सूफिया यूनानी मेडिकल कॉलेज के नवनिर्मित 100 बेड वाले हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कही। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान आर्टिकल नौ में जिंदगी के हक को बुनियादी हक और मौलिक अधिकार का दर्जा देता हैं। किसी व्यक्ति की न जान ली जा सकती हैं, न ही उसकी स्वतंत्रता से महरूम किया जा सकता हैं। मेरा मानना है कि जिन लोगों ने चिकित्सा की तालीम ली है उन पर खास जिम्मेवारी है।
सांसद राधामोहन सिंह ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार द्वारा आयुष मंत्रालय का गठन करने के बाद यूनानी पढ़ने वाले छात्रों की संख्या काफी बढ़ी है। ग्यारह वर्षों में इससे संबंधित संस्थानों की संख्या काफी बढ़ी है। इस वर्ष यहां 47 छात्र नामांकन लेकर यूनानी शिक्षा को ग्रहण कर रहे हैं,ये मोदी सरकार की देन है। अब अंग्रेजी से ज्यादा यूनानी, होम्योपैथी एवं आयुर्वेदिक, जो हमारे संस्कारगत औषधि पद्धति है,उसका महत्व बढ़ा है। इसके पूर्व राज्यपाल ने नवनिर्मित एक सौ बेड वाले हॉस्पिटल का फीता काटकर उद्घाटन किया साथ ही हॉस्पिटल परिसर में पौधरोपण भी किया। आगत अतिथियों को हॉस्पिटल के प्रतीक चिन्ह के मेडल से सम्मानित किया गया। मौके पर एसआरएपी कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज में स्नात्तकोत्तर व बीएड की पढ़ाई के लिए मान्यता देने संबंधी मांग का एक ज्ञापन राजयपाल को सौपा। मौके पर विधायक श्यामबाबू यादव, कॉलेज के चेयरमैन डॉ एस एम अमजद अली,प्राचार्य डॉ आसिफ हुसैन,प्रभारी प्राचार्य डॉ नूर आलम, डॉ खालिद इकबाल,डॉ साजिद आलम,भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष विजय गुप्ता, रोहित सिंह,संदीप कुमार सिंह,सुधीर मिश्रा,चंदन कुमार सहित बड़ी संख्या लोग मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार
