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थानेदारों से मंथली वसूली मामले में एसपी, एएसपी सहित सभी थानेदार बरी

थानेदारों से मंथली वसूली मामले में एसपी, एएसपी सहित सभी थानेदार बरी

अजमेर, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान के बहुचर्चित थानेदारों से मंथली वसूली के मामले में अजमेर की भ्रष्टाचार निरोधक डेजिग्नेटेड कोर्ट ने 10 साल बाद मंगलवार को बहुप्रतीक्षित एवं ऐतिहासिक फैसला सुना दिया।

कोर्ट ने मामले में आरोपित तत्कालीन एसपी राजेश मीणा, एएसपी लोकेश सोनवाल सहित 9 सीआई, 2 एसआई और 2 अन्य आरोपिताें को बरी कर दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से 90 गवाह और 330 दस्तावेज पेश किए गए। मामला 2 जनवरी 2013 का है, जिसमें एसीबी ने तत्कालीन एसपी राजेश मीणा और दलाल जोधपुर निवासी रामदेव ठठेरा को दो लाख पांच हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। एसीबी ने जांच के बाद आरोप-पत्र पेश किया था। एसीबी ने तत्कालीन सीआई प्रमोद स्वामी, खान मोहम्मद, संजय शर्मा, अशोक विश्नोई, रविंद्र यादव, हनुमान सिंह राठौड़, जयपाल सिंह, सुनील विश्नोई, खुशाल चौरड़िया, गोपाल लाल, बंशीलाल और हेमंत जैन को भी आरोपित माना था। सभी आरोपित गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर रिहा हुए थे। मामले में कोर्ट ने कुल 15 आरोपिताें को बरी कर दिया है। इस मामले में बचाव पक्ष की अंतिम बहस पूरी होने के बाद फैसले के लिए 30 जुलाई की तारीख तय थी। वहीं अभियोजन की ओर से प्रस्तुत एक अर्जी पर सोमवार को ही सुनवाई हुई थी।

प्लान किया गया क्राइम था

कोर्ट के फैसले के बाद आरोपिताें के वकील अनिल सक्सेना ने कहा कि यह ट्रैप नहीं था बल्कि प्लान किया गया क्राइम था। भारत के इतिहास में यह पहला मामला होगा, जिसमें बिना रोज नामचा और एफआईआर के टीम अजमेर आ गई। एसीबी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं

मामले में बरी होने के बाद तत्कालीन अजमेर एसपी आईपीएस राजेश मीणा ने कहा कि गलत तथ्य के आधार पर बनावटी, मिथ्या और साक्ष्य विहीन केस दर्ज किया गया। शुरू से ही न्यायपालिका पर विश्वास था कि दूध का दूध और पानी का पानी होगा। आखिरकार वही हुआ लेकिन इस लंबी अवधि में जो मानसिक पीड़ा हुई, उसे बताया नहीं जा सकता। आज यह तय हो गया है कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।

दलाल ठठेरा को दो लाख रुपए सहित पकड़ा था

थानेदारों से मंथली वसूली प्रकरण में एसीबी ने तत्कालीन एसपी राजेश मीणा और दलाल जोधपुर निवासी रामदेव ठठेरा को 2 जनवरी 2013 को एक थैली में रखे दो लाख पांच हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। तीन जनवरी को तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल भारी पुलिस बल के साथ उन्हें सेशन कोर्ट में लेकर उपस्थित हुए थे। मीणा की पैरवी कर रहे तत्कालीन जिला बार अध्यक्ष राजेश टण्डन की उपस्थिति में एसीबी ने अदालत को जानकारी देकर राजेश मीणा को पुलिस रिमांड पर सौंपने का प्रार्थना-पत्र पेश किया था। उन्होंने अन्य आरोपित तक पहुंचने की जानकारी देते समय सोनवाल का नाम लिया था। इसकी सूचना सोनवाल को मिल गई और कोर्ट के सामने से फरार हो गए थे। उन्होंने फरारी के दौरान उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर निरस्त करवाने और अग्रिम जमानत प्राप्त करने का प्रयास किया था। बाद में वे हाईकोर्ट के निर्देश पर कोर्ट में समर्पण करने आए थे लेकिन कोर्ट पहुंचने से पहले ही एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था।

एसीबी ने किए थे फोन कॉल रिकॉर्ड

राजेश मीणा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल के लिए थानेदारों से मंथली वसूलने की सूचना पर एसीबी ने विभागीय स्तर पर तीनों के फोन इंटरसेप्सन पर रखकर उनकी बातचीत को रिकार्ड करना शुरू किया था। उक्त कार्य कर रहे कर्मचारी ने ठठेरा के हर महीने की एक से पांच तारीख तक उक्त वसूली करने की जानकारी दी थी। एसीबी के अनुसार जोधपुरी सफारी पहनकर रामदेव ठठेरा वाल्वाे बस से अजमेर आया था, जिसकी सूचना एसीबी को थी। वह बस से उतरकर सीधा बस स्टेंड पुलिस चौकी गया और एएसआई भागीरथ सिंह से मिला। उसने अपनी थैली से प्रसाद निकालकर भागीरथ और वहां उपस्थित सिपाही मोतीराम को दिया। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनवाल के घर पहुंचाने के लिए उनसे कहा। मोतीराम सिपाही ठठेरा को बाइक पर बैठाकर ले गया और सोनवाल के मकान के बाहर छोड़कर आ गया। ठठेरा सोनवाल के मकान में गया और कुछ देर बाद बाहर निकला और पास ही स्थित आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष हबीब गौरान से भी मिलने चला गया। वहां कुछ देर रुकने के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनवाल के कार्यालय पहुंचा। वहां से कई बार बाहर निकला और थानेदारों से मुलाकात करते हुए वापस कार्यालय में भीतर बैठ गया। ठठेरा पर यह भी आरोप था कि वह थानेदारों से मंथली लेकर कुल रुपए के दो लिफाफे बनाता है और एक लिफाफा पुलिस अधीक्षक मीणा को और एक लिफाफा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनवाल को देता है।

2.05 लाख रुपए सहित पकड़ा गया था

ठठेरा सोनवाल के ऑफिस से उनकी विभागीय कार में बैठकर पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा के घर पर 2.05 बजे पहुंचा। उसके वहां बैठने के कुछ ही देर में एसीबी टीम पहुंच गई। टीम ने वहां से रामदेव ठठेरा और राजेश मीणा को एक थैली में रखे 2 लाख 5 हजार रुपए नकद और ठठेरा के जेब में रखी विभिन्न थानों के नाम में अंक लिखे पर्चियों सहित गिरफ्तार किया था।

आरोपिताें में यह थे शामिल

एसीबी ने जांच के बाद आरोप पत्र पेश किया और तत्कालीन सीआई प्रमोद स्वामी, खान मोहम्मद, संजय शर्मा, अशोक विश्नोई, रविन्दर यादव, हनुमान सिंह राठौड़, जयपाल सिंह, सुनील विश्नोई, खुशाल चौरड़िया, गोपाल लाल, बंशीलाल और हेमंत जैन को भी आरोपी माना था। सभी गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर रिहा हुए थे।

(Udaipur Kiran) / संतोष / संदीप

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