धर्मशाला, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी देने का स्वागत किया है। महासंघ के अध्यक्ष प्रोफेसर जेपी सिंहल ने बताया कि यह महत्वपूर्ण निर्णय लाखों सरकारी शिक्षकों को उनकी सेवा के बाद गरिमामय और सुरक्षित भविष्य प्रदान करेगा।
प्रोफेसर सिंहल ने जारी प्रेस बयान में कहा कि यूनिफाइड पेंशन योजना के माध्यम से एनपीएस के कारण शिक्षकों एवं कर्मचारियों के भविष्य के संबंध में पैदा हुई अनिश्चितताएं समाप्त होगी।
प्रोफेसर सिंहल ने बताया कि यह योजना उन कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन का आश्वासन देती है जिन्होंने न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा पूरी की है। ऐसे कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में प्राप्त होगा। यदि किसी कर्मचारी की सेवा अवधि 25 वर्षों से कम है, लेकिन न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा पूरी कर ली गई है, तो पेंशन आनुपातिक रूप से प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा, इस योजना के अंतर्गत सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन की भी व्यवस्था की गई है। यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन के रूप में प्राप्त होगा। इससे कर्मचारियों के परिवारों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। इस योजना के तहत कर्मचारियों को सरकार की ओर से उनके बेसिक सैलरी का 18.5 प्रतिशत योगदान मिलेगा।
वहीं महासंघ के महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा ने बताया कि योजना में सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन का भी प्रावधान किया गया है, जिसके तहत 10 वर्ष की न्यूनतम सेवा के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन दी जाएगी।
सिंदनकेरा ने कहा कि यह स्कीम कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा और गरिमा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके कल्याण और भविष्य की सुरक्षा को प्रतिबिंबित करता है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का धन्यवाद करता है।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया शुक्ला