जम्मू,, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आज अखिल भारतीय महाजन बिरादरी संघ ने के.एस. फार्म, सरोर में महाजन उपजातियों (बिरादरियों) का पहला समागम आयोजित करके विश्व में एक नया इतिहास रच दिया। इस समागम का उद्देश्य सभी महाजन उपजातियों को एक मंच पर लाना, महाजन समुदाय के समग्र विकास को सुनिश्चित करना व विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा एवं योजनाबद्ब क्रियान्वयन के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करना है। इस ऐतिहासिक समागम में विभिन्न क्षेत्रों से पधारे 63 उपजातियों के महाजन परिवारों ने भाग लिया।
बैठक की शुरुआत महाजन जातियों के कुलदेवियों और कुलदेवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पवित्र मंत्रोंच्चारण के साथ आह्वान किया। सदस्यों के साथ साथ बिरादरी प्रमुखों ने पवित्र गायत्री मंत्र का तीन बार जाप किया। उसके बाद महेश गुप्ता, चेयरमैन अखिल भारतीय महाजन बिरादरी संघ समेत ने अपने पदाधिकारियों समेत मंच पर सुशोभित गणमान्यों के साथ दिव्य दीप को प्रज्वलित किया और साथ ही परम श्रद्धेय, महाजन मुकुटमणि और शेर-ए-डुग्गर लाला हंसराज महाजन जी को उनकी 158वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की।
ए.बी.एम.बी.एस. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरिंदर गुप्ता ने महाजन समुदाय के सभी उपस्थित सदस्यों को महाजन समाज में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने में सहयोग करने के लिए व महाजन उपजातियों के पहले समागम में पधार कर डुग्गर के महानायक लाला हंसराज महाजन जी को पुष्पांजलि देने के लिए स्वागत किया। इसके बाद, राम लंगर, उपाध्यक्ष वित्त ने विभिन्न समुदायों के प्रति और डुग्गर समुदाय के समग्र विकास के लिए शेर-ए-डुग्गर लाला हंसराज महाजन जी के उत्कृष्ट योगदान पर एक प्रभावशाली विवरण दिया। महेश गुप्ता ने अपने संबोधन में उपस्थित लोगों को महाजन मेल की आवश्यकता तथा महाजन मंच के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हिन्दू समुदाय के अन्य समुदाय भी अपने-अपने कुलों को सही अर्थों में एकजुट करने के लिए महाजन मेल के मॉडल का अनुसरण करेंगे, जिससे एक मजबूत सनातन समाज का निर्माण होगा। सुनील महाजन, संरक्षक एबीएमबीएस ने इस कार्यक्रम को यादगार और सफल बनाने के लिए सभी महाजन परिवारों और सभी बिरादरी प्रमुखों तथा उनकी टीम, सभी कार्यकारिणी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को विशेष कवरेज देने के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को विशेष धन्यवाद दिया। बैठक का समापन प्रीति भोज द्वारा राष्ट्रगान के गायन के साथ हुआ।
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(Udaipur Kiran) / अश्वनी गुप्ता