Madhya Pradesh

ऑल इन वन एप बनेगा सिंहस्थ का, श्रद्धालुओं को मिलेगी समग्र जानकारी

ऑल इन वन एप बनेगा सिंहस्थ का,श्रद्धालुओं को मिलेगी समग्र जानकारी

उज्जैन, 3 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । प्रदेश के अपर मुख्य सचिव डॉ.राजेश राजोरा ने अधिकारियों से सिंहस्थ की समीक्षा बैठक में कहाकि सिंहस्थ-2028 की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि हमने श्रद्धालुओं को क्या सुविधा दी, उनके स्वास्थ्य के प्रति कितने सतर्क रहे, स्वच्छता का कितना ध्यान रखा और स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता किस स्तर की थी। उन्होने कहाकि संरचनाओं को इसप्रकार से डिजाइन करें कि निर्माण कार्य बरसो बरस तक टिके रहें। उनकी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होने बताया कि एक ऑल इन वन एप बनाया जाएगा,जिससे श्रद्धालुओं को सारी जानकारी मिल सकेगी।

डॉ.राजोरा सिंहस्थ के विकास कार्यो की विभागवार समीक्षा कर रहे थे। बैठक में संभागायुक्त संजय गुप्ता, एडीजीपी उमेश जोगा, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा एवं संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

डॉ. राजौरा ने निर्देश दिए कि-

* स्थाई संरचनाओं में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आश्रम, पार्किंग, धर्मशाला, भोजनशाला, प्रवचन हॉल, सीवरेज लाईन, रोड और वॉटर सप्लाई कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाए।

* सिंहस्थ मेला क्षेत्र में नगर विकास योजना की कार्य योजना तैयार कर कार्य की शुरूआत जून-2025 से युद्ध स्तर पर की जाए।

* सिंहस्थ में वॉटर सप्लाई नेटवर्क की समीक्षा करते हुए कहाकि 200 एमएलडी पेयजल क्षमता का मेला क्षेत्र में विकास किया जाए।

* सिंहस्थ के दौरान मेला क्षेत्र में 160 एमएलडी का सीवरेज जनरेशन होगा, जिसमें 100 एमएलडी क्षमता के स्थाई एसटीपी निर्माण और अस्थाई रूप से 60 एमएलडी क्षमता के सीवरेज का निष्पादन किया जाएगा। मेला क्षेत्र के विकास के लिए आगामी 15 अप्रैल तक डीपीआर तैयार कर ली जाएगी। भवन अनुज्ञा का कार्य आगामी 15 जून तक कर लिया जाएगा और कार्य प्रारंभ 25 जून से होगा।

* जल संसाधन विभाग ने बताया कि कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का 15.50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इसकी लागत लगभग 919.94 करोड़ रूपए है। वर्तमान में 14.57 प्रतिशत वित्तीय प्रगति हो चुकी है।

* सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना अंतर्गत डिजाईन और सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। खुदाई का कार्य जारी है। डॉ.राजोरा ने मई-2027 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।

* सिंहस्थ-2028 के मद्देनजर 778.91 करोड़ रूपए लागत से 29 घाटों का निर्माण किया जाएगा। स्नान के लिए 03 वेंटेड कॉसवे का निर्माण किया जाएगा। इसे 24 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा।

* क्षिप्रा नदी को प्रवाहमान बनाए रखने के लिए क्षिप्रा नदी पर बेराजों की श्रंखला का निर्माण किया जा रहा है। देवास, इंदौर और उज्जैन में बेराजों की श्रंखला बनाई जाएगी। एनवीडीए अंतर्गत नर्मदा-क्षिप्रा लिंक योजना, उज्जयिनी परियोजना, नर्मदा-मालवा गंभीर लिंक परियोजना, नर्मदा-क्षिप्रा बहुउदेशीय परियोजना की डॉ.राजोरा ने समीक्षा की।

* पीएचई/नगर निगम ने बताया कि उज्जैन शहर की जनसंख्या लगभग 7.2 लाख है। प्रतिदिन पेयजल की मांग 178.28 एमएलडी है। वर्तमान में अंबोदिया, गऊघाट, साहिबखेड़ी और उंडासा के जलाशयों को मिलाकर कुल पानी की क्षमता 151.01 एमएलडी है। प्रस्तावित सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना से 51 एमसीएम, नर्मदा-गंभीर लिंक परियोजना से 58.34 एमसीएम पेयजल की सप्लाई की जा सकेगी। इसके अलावा न्यू अंबोदिया की 68 एमएलडी पेयजल क्षमता की परियोजना प्रस्तावित है। साथ ही 860 करोड़ रूपए की लागत से हरियाखेड़ी परियोजना पर 100 एमएलडी पेयजल क्षमता की परियोजना का विकास भी किया जा रहा है।

* बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बीडीसी द्वारा मेडिसिटी का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लागत कुल 592.3 करोड़ रूपए तथा कुल निर्मित क्षेत्र का क्षेत्रफल 1, 42,034.06 वर्ग मीटर है। इसमें 550 बिस्तर की क्षमता होगी।

* सिंहस्थ में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 500 अस्थाई अस्पताल और केम्प लगाए जाएंगे। स्वास्थ्य सुविधाओं को सिंहस्थ मेला क्षेत्र अनुसार 6 झोन में बांटा जाएगा। स्वास्थ्य का डिजीटल रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा। डॉक्टर और पेरामेडिकल स्टॉफ की ट्रैनिंग आयोजित की जाएगी। सिंहस्थ के गर्मी के मौसम में आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए इलेक्ट्रोलाईट की उपलब्धता समस्त मेला क्षेत्र में जगह-जगह सुनिश्चित की जाएगी।

* डॉ.राजौरा ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आपदा की स्थिति में कार्ययोजना स्टेट यूनिट के साथ मिलकर बनाए। मेले के दौरान बर्न यूनिट, एंबुलेंस सुविधा, ब्लड बैंक, ट्रॉमा सेंटर आदि की सम्पूर्ण तैयारी रखे। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग का विशेष ध्यान हैजा और अन्य मौसम जनित बिमारियों और आपदा प्रबंधन के रिस्पांस पर रहे। स्वास्थ्य प्लान में आयुष विभाग को भी जोड़ा जाए।

* सिंहस्थ में साफ-सफाई व्यवस्था अन्तर्गत सड़क एवं अन्य सफाईकर्मियों को मिलाकर कुल 11 हजार 220 कर्मियों की आवश्यकता होगी। कचरा संग्रहण के लिए लगभग 5 हजार सफाईकर्मियों की आवश्यकता होगी। इसप्रकार 16 हजार 220 सफाईकर्मियों की आवश्यकता सिंहस्थ में होगी। पीक लोड पर सॉलिड वेस्ट उत्पादन लगभग 577 एमएलडी होगा। इसके लिए 379 कचरा गाडिय़ों की आवश्यकता होगी,जो कचरा संग्रहण करेंगे।

* डॉ.राजौरा ने निर्देश दिए कि सुखा कचरा और गीला कचरा अलग-अलग करने के लिए स्थानीय स्तर पर जागरूकता शिविर लगाए जाए।

* स्मार्ट सिटी द्वारा आईटीएमएस जंक्शन सिस्टम सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए डेवलप किया जा रहा है। डॉ.राजौरा ने सिंहस्थ के समय आईटीएमएस पुलिस विभाग को सौंपने के लिए कहा।

* डॉ.राजोरा ने बताया कि सिंहस्थ में फेस रिकग्नीशन, एलर्ट सिस्टम, फायर अलार्म के सभी सॉफ्टवेयर, एमपीएसईडीसी के द्वारा विकसित किए जाएंगे। यह कार्य 31 दिसंबर,25 तक पूर्ण किया जाएगा।

* सिंहस्थ- 2028 के लिए ऑल इन वन ऐप भी बनाया जाएगा, जिसमें ड्रोन सर्विस, यातायात और वाहन प्रबंधन, मानव संसाधन और कार्य प्रगति की जानकारी की सुविधा मिल सकेगी।

* सिंहस्थ में वाहनों की पार्किंग की उपलब्धता के लिए ऑनलाईन डाटा तैयार किया जाएगा। इसके अलावा जीआईएस आधारित उपयोगिता सिस्टम बनाया जाएगा। सिंहस्थ मेला क्षेत्र का वर्चुअल टूर, ऐप के माध्यम से कराया जाएगा।

* डॉ.राजोरा ने महाराजवाड़ा हेरिटेज होटल, ओमकार सर्किट, ग्रांड होटल उज्जैन का उन्नयन एवं नवीन कक्षों का विस्तार होटल क्षिप्रा रेसीडेंसी के उन्नयन कार्य, देवी अहिल्या लोक महेश्वर, गंभीर डेम में जलक्रीड़ा सुविधाएं, बोट क्लब व रेस्टोरेंट, 10 करोड़ रूपए लागत से पंचक्रोशी यात्रा मार्ग के पड़ावों का विकास, सिंहस्थ टेंट सिटी विकास, अष्ट भैरव मंदिरों के विकास कार्यों की समीक्षा भी की।

* डॉ.राजौरा ने महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्टोन क्लेडिंग और न्यू वेटिंग हॉल, महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश टनल मार्बल क्लेडिंग और फ्लोरिंग कार्य, आपातकालिन निर्गम, पालकी हॉल, मार्बल क्लेडिंग और फ्लोरिंग के कार्य, विजिटर फेसिलिटेशन सेंटर और महाकालेश्वर भक्त निवास निर्माण कार्य की समीक्षा की।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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