Uttar Pradesh

अमेठी और मिश्रौली रेलवे स्टेशन के निरीक्षण में मिली तमाम खामियां

समेत की सदस्य और स्टेशन अधीक्षक निरीक्षण करते अमेठी रेलवे स्टेशनका
मिश्रौली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बैठने के लिए टूटी बेंच
मिश्रौली रेलवे स्टेशन पर टॉयलेट में लगा ताला
टॉयलेट का निरीक्षण करते
अमेठी रेलवे स्टेशन पर पानी चेक करते समय के सदस्य

अमेठी, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । रेलवे बोर्ड के उपभोक्ता सलाहकार समिति के सदस्य अनुपम पांडेय ने सोमवार को अमेठी और मिश्रौली रेलवे स्टेशन का भौतिक निरीक्षण किया। इस दौरान दोनों रेलवे स्टेशन पर खामियां ही खामियां नजर आई। उन्होंने विभागीय अधिकारियों सहित मंत्रालय में बात रखकर शीघ्र समस्या के समाधान के लिए आश्वस्त किया।

दोपहर 12 बजे अनुपम पांडेय ने सर्वप्रथम अमेठी रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर निरीक्षण किया। यहां पर गंदे पड़े शौचालय, पीने के पानी का अभाव और प्लेटफार्म नम्बर दो पर बनाए गए टॉयलेट में ताला बंद मिला। यात्रियों की सुविधाओं के लिए लगाया गया पंखा भी निकाल दिया गया है। इस मामले में सदस्य ने स्टेशन अधीक्षक जेपी शुक्ला से बात की तो उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन पर पिछले एक साल से अमृत भारत के तहत कार्य चल रहा है। इसके कारण तमाम तरह की अव्यवस्थाएं उत्पन्न हो गई हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह निर्माण कार्य पिछले कई महीनों से रुका पड़ा हुआ है। ठेकेदार गायब है। रेलवे स्टेशन पर जितनी भी प्रकार की सुविधाएं हैं उन सबके लिए विभाग को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। स्टेशन अधीक्षक जेपी शुक्ला ने बताया कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यहां पर कुल 29 जोड़ी ट्रेन आवागमन के दौरान रूकती है। उन्होंने स्वयं भी माना की यात्री सुविधाओं को लेकर यहां पर काफी समस्या लंबे समय से बनी हुई है।

यही हाल मिश्रौली रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला। यहां पर एक ही टॉयलेट बना हुआ है उसमें भी हमेशा ताला लटका रहता है। स्टेशन मास्टर ने बताया कि यहां पर एक जोड़ी पैसेंजर ट्रेन और एक एक्सप्रेस ट्रेन रूकती है। इस रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे में मात्र तीन ट्रेन आवागमन के दौरान रूकती है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि लगभग एक वर्ष पहले मिश्रौली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर मां कालिकन भवानी धाम रखा गया। लेकिन अभी तक उस नए नाम का बोर्ड नहीं लग पाया है। सदस्य ने कहा कि इस स्थिति से सांसद किशोरीलाल शर्मा को अवगत कराया जाएगा। जरूरत पडी तो वह इस मामले में रेलवे मंत्रालय को भी पत्र लिखेंगे। पहले डीआरएम से वार्ता की जाएगी।

(Udaipur Kiran) / लोकेश त्रिपाठी

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