Madhya Pradesh

उज्जैन में शराबबंदी: महिलाएं खुश, राहगिर भी जता रहे प्रसन्नता

उज्जैन में शराबबंदी: महिलाएं खुश,राहगिर भी जता रहे प्रसन्नता

उज्जैन, 1 अप्रैल (Udaipur Kiran) । अंग्रेजीयत की बात करें तो एक अप्रैल को मूर्ख दिवस कहा जाता है। लोग कोई न कोई झुठी कहानी गढ़कर अपनेवालों को मूर्ख बनाने की जुगत में रहते हैं। इधर, मंगलवार की सुबह शराब का दैनिक सेवन करनेवाले लोग जब आदत के अनुसार सुबह सबेरे ठेके पर पहुंचे तो ताला लगा देखकर सोच में पड़ गए। कुछ घण्टे बिताने के बाद जब उन्हे बार-बार जवाब मिला कि आज से शराब की दुकानें बंद रहेंगी, छोड़ दो तो ही अच्छा है…। सुनकर वापस घर वापिस आए। कुछ तो ऐसे भी थे, जिन्होंने घर आकर लम्बे समय बाद चाय की मांग की। पत्नि के चेहरे पर मुस्कान दिखी और तत्परता से रसोई में जाकर बड़े प्यार से चाय बनाकर वह लाई। उसे भी पता था कि आज से शराब बंद हो गई है। अब पीने और पीने के बाद गाली देने/मारपीट करने के दिन गए। सुख भरे दिन का इंतजार खत्म हुआ। बच्चे भी पिता को बगैर पीए देखकर भय की जगह प्रसन्न चेहरा लिए हुए दिखे। उन्हे पता था कि आज तो पिताजी गाली में बात न करते हुए या तो चुप रहेंगे या फिर इधर-उधर की बात करके काम पर चले जाएंगे। वहीं, बुढ़ी मां को भी पता था कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने शराबबंदी लागू कर दी है। सो, वह रसोई में जाकर बहू से बोली: बहू,आज कुछ अच्छा खाना बनाकर खिला इसे। रोज अच्छा खाना खाएगा तो दूसरी ओर आदतें जो हैं,वह भी बंद हो जाएगी। बाबा महाकाल भला करे मुख्यमंत्री का,अब घर में गालियां नहीं भगवान के भजन गूंजेंगे। दरअसल, उज्जैन के अनेक घरों में यह दृश्य आज मंगलवार को देखने को मिला।

इन जगहों पर परसर रहा सन्नाटा

शहर के जीरो पाइंट मक्सी मार्ग, पंवासा, पाश्र्वनाथ चौराहा, नागझिरी, दो तालाब नानाखेड़ा मार्ग, इंदौर गेट, नीलगंगा, जयसिंहपुरा, फाजलपुरा,कालियादेह दरवाजा, कोयला फाटक, टंकी चौक, मकोडिया आम आगर रोड़,नई सड़क क्षीरसागर घाट, तेलीवाड़ा आदि जगहों पर सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा। इन मार्गों के हाल यह रहे कि सुबह, दोपहर और खासकर शाम को आवाजाही सामान्य रही। पूर्व के दिनों में इन क्षेत्रों में जाम लगा रहता था। यही स्थिति कोठी मार्ग, विक्रम नगर रेलवे स्टेशन मार्ग सहित ऐसे सुनसान स्थान, जहां शाम ढलते ही महफिलें सजती थी, सन्नाटा ओढ़े हुए थीं।

इनका कहना है…

साहित्यकार श्रीराम दवे ने चर्चा में कहाकि यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का उक्त निर्णय बहुत बड़ा है। पूरे प्रदेश में ही शराबबंदी लागू होना चाहिए। अखिल भारतीय नशाबंदी परिषद, नईदिल्ली के वरिष्ठ कार्यकर्ता जगदीश जारेड़ा ने कहाकि सालों बाद यह सुअवसर देखने में आया। अब लग रहा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री डॉ.यादव के कार्यकाल में रामराज्य आ जाएगा। हमारी मांग है कि शराबबंदी पूरे प्रदेश में लागू हो जाए। वरना लोग नगर निगम सीमा के बाहर जाकर पीएंगे और माहौल खराब करेंगे।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) पदाधिकारी महेश तिवारी ने कहना रहा कि मुख्यमंत्री का यह निर्णय बहुत ही अच्छा है। अब सरकार को धार्मिक नगरियों के बाद पूरे प्रदेश को शराबबंदी लागू करके परिवारों को बचाने के लिए आगे आना चाहिए। वहीँ, समाजसेवी कन्हैया पहलवान ने कहाकि आज से उज्जैन शहर के हजारों घरों में दीपावली सा त्यौहार होगा। जब बेटा/पति/पिता/भाई शराब पीकर घर नहीं आएगा ओर घरों के अंदर से विवाद का शोर सड़कों पर सुनाई नहीं देगा। इसके लिए मुख्यमंत्री को कोटिश: धन्यवाद।

शिक्षक रमेशचंद्र जैन कहते हैं, ऐसा ही निर्णय मुख्यमंत्रीजी अन्य जगहों के लिए लें। जहां हम पढ़ाने जाते हैं, क्षेत्र के बच्चे कक्षा में बताते हैं कि पिताजी ने रात को शराब के नशे में न केवल मारपीट की,बल्कि किताबों का बेग भी घर के बाहर फैंक दिया और कहाकि कल से कमाने जाना । जैसा उज्जैन में निर्णय लिया, वैसा ही पूरे प्रदेश में लागू होना चाहिए। इससे सामाजिक बुराईयों पर लगाम लगेगी।

काल भैरव मंदिर के बाहर की दुकान भी बंद

उज्जैन नगर निगम सीमा में शराब की 17 दुकानें और 11 बार हैं। ये सभी आज बंद रहीं। यहां सूचना भी लिखी गई कि अब ये दुकानें नहीं खुलेंगी। प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर के बाहर की दुकान भी मंगलवार को बंद रहीं। हालांकि भगवान की पूजा/भोग को लेकर कोई परेशानी नहीं आई। मंदिर पुजारी के अनुसार मंदिर में प्रशासन द्वारा पांच समय भोग लगाने हेतु मदिरा की व्यवस्था की जाती है। रोजाना की तरह मंगलवार को भी व्यवस्था प्रशासन ने की। इधर, बाहर से आए श्रद्धालु शराब खरीदने के लिए भटकते देखे गए। उनको मलाल था कि वे भोग अर्पित नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि जब बताया गया कि धार्मिक स्थानों पर शराबबंदी लागू की गई है तो उन्होंने विरोध भी नहीं किया। वहीं ऐसे भक्त भी दिखे जो कतिपय जगहों से शराब खरीदकर लाए थे।

—————

(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

Most Popular

To Top