
जम्मू, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं प्रधान ज्योतिषाचार्य, राज्य पुरस्कार से सम्मानित महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष 2025 में अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल, बुधवार को मनाया जाएगा।
अक्षय तृतीया तिथि 29 अप्रैल, मंगलवार को शाम 5:32 बजे प्रारंभ होकर 30 अप्रैल, बुधवार को दोपहर 2:13 बजे समाप्त होगी। सूर्योदय व्यापिनी तिथि के अनुसार पूजन एवं दान का श्रेष्ठ समय 30 अप्रैल, बुधवार को ही है। इस दिन जरूरतमंदों को दान, देव-पितृ तर्पण, यज्ञ, होम, आदि कर्म करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस वर्ष अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र, शोभन और अतिगण्ड योग तथा गर और वणिज करण का संयोग रहेगा। चंद्रमा इस दिन अपनी उच्च राशि वृषभ में स्थित रहेंगे, जिससे इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि अक्षय’ का अर्थ है – जो कभी समाप्त न हो। यह दिन सौभाग्य, सफलता और समृद्धि का सूचक है, जिसे ‘सर्वसिद्धि मुहूर्त’ भी माना जाता है। इस दिन शुभ कार्यों के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती। सोना, चांदी, बर्तन, भूमि, नया मकान, वाहन आदि की खरीदारी इस दिन शुभ मानी जाती है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
