लखनऊ, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सुर्खियां बटोरने के चक्कर में भम्र फैलाकर जातियों के बीच वैमनस्यता और नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर कुछ भी अनर्गल पोस्ट करने से पहले सपा प्रमुख को थोड़ा रिसर्च वर्क और सोच विचार भी कर लेना चाहिए। इस तरह से सोशल मीडिया का दुरुपयोग करना अखिलेश यादव को शोभा नहीं देता।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चार साल पहले अखबार में छपी एक खबर को अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट करते हुए यूपी लोकसेवा आयोग की आरक्षण व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाया है। इसपर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव को कुछ भी पोस्ट करने से पहले थोड़ा रिसर्च कर लेना चाहिए। यूपीपीएससी की पीसीएस समेत अन्य सभी परीक्षाओं के अंतिम चयन परिणाम में अनारक्षित वर्ग में आरक्षित वर्ग की ओवरलैपिंग न होने का आदेश हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा 9-01-2020 को लिया गया था। यही नहीं ये व्यवस्था संघ लोकसेवा आयोग की आईएएस, आईपीएस सहित अन्य सिविल सेवाओं के चयन में भी लागू है। ऐसे में सपा प्रमुख द्वारा चार साल (19 फरवरी 2020) पहले अखबार में छपी खबर को अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करना बेहद गैर जिम्मेदाराना हरकत है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश यादव चार साल पुरानी खबर डालकर समाज में जातियों के बीच नफरत और वैमनस्यता फैला रहे हैं। बार-बार हार का मुंह देखने के बाद सपा प्रमुख और उनकी टीम पूरी तरह से बौखला गई है और समाज को भ्रमित करने वाले ऐसे पोस्ट के जरिए सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सपा प्रमुख पहले भी बेवजह की पुरानी तस्वीरों को पोस्ट करके झूठ और भम्र फैलाने की अपनी कोशिशें जगजाहिर कर चुके हैं। ऐसी ही एक तस्वीर उन्होंने वाराणसी में वरुणा नदी को लेकर अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी, बाद में पता लगा कि वो तस्वीर उनके ही कार्यकाल की थी। अखिलेश एक राजनीतिक दल के मुखिया हैं और सांसद भी, ऐसी गैर जिम्मेदाराना हरकत उन्हें शोभा नहीं देती। इस प्रकार से सामजिक समरसता को चोट पहुंचाने की हर कोशिश का भारतीय जनता पार्टी पुरजोर विरोध करती है।
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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन