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सत्य और जिम्मेदारी की ओर लौटे मीडिया: अजय श्रीवास्तव

विश्व संवाद केन्द्र द्वारा देवर्षि नारद जयंती कार्यक्रम का आयोजन

शिमला, 17 मई (Udaipur Kiran) । विश्व संवाद केंद्र शिमला द्वारा शुक्रवार को देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में एक विचारोत्तेजक कार्यक्रम का आयोजन शिमला के रोटरी टाउन हॉल में किया गया। कार्यक्रम में पत्रकारिता, संचार और समाज में संवाद की भूमिका पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. वीर सिंह रांगड़ा ने कहा कि देवर्षि नारद केवल पौराणिक पात्र नहीं, बल्कि ज्ञान, संवाद और सूचना संप्रेषण के प्रतीक हैं। वे त्रिकालदर्शी ऋषि थे, जिन्होंने तीनों लोकों में भ्रमण कर भक्ति, ज्ञान और संस्कृति का प्रचार किया।

प्रो. रांगड़ा ने कहा कि आज के डिजिटल युग में नारद मुनि की प्रासंगिकता और अधिक बढ़ गई है, क्योंकि संवाद और संप्रेषण की भूमिका अब और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।

मुख्य वक्ता अजय श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व संवाद केंद्र शिमला पत्रकारिता में राष्ट्रीय दृष्टिकोण को केंद्र में रखकर जो कार्य कर रहा है, वह अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि देवर्षि नारद संवाद के आदिशिल्पी थे और आज की पत्रकारिता को उनकी सत्यनिष्ठा, उद्देश्यता और सामाजिक चेतना से प्रेरणा लेनी चाहिए। श्रीवास्तव ने कहा कि मौजूदा दौर में जब सोशल मीडिया और तेज समाचार चक्र के कारण भ्रम फैलाना आसान हो गया है, तब पत्रकारिता को और अधिक सजग, उत्तरदायी और शोधपरक बनने की आवश्यकता है।

विशिष्ट अतिथि नंदिनी मित्तल ने कहा कि आज के समय में सत्य को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करना पत्रकारिता की जिम्मेदारी है। उन्होंने हाल में हुए भारत-पाक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में भ्रामक मीडिया रिपोर्टिंग पर चिंता व्यक्त की और जिम्मेदार पत्रकारिता पर बल दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व संवाद केंद्र शिमला के अध्यक्ष राजेश बंसल ने की। उन्होंने आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नारद जयंती जैसे आयोजनों की समय की आवश्यकता है, और इन्हें निरंतर आयोजित किया जाना चाहिए। अंत में न्यास के कार्यकारी सदस्य अनिल भारद्वाज ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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