Uttar Pradesh

एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने मध्य वायु कमान का पदभार संभाला

एयर मार्शल

प्रयागराज, 01 सितम्बर (Udaipur Kiran) । एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित अति विशिष्ट सेवा मेडल, वायु सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल ने आज रविवार को मध्य वायु कमान के वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार ग्रहण किया।

मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शान्तनु प्रताप सिंह ने बताया कि एयर मार्शल ने 06 दिसम्बर 1986 को भारतीय वायु सेना की लड़ाकू शाखा में कमीशन प्राप्त किया। वायु अफसर एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट तथा अर्हता प्राप्त उड़ान अनुदेशक हैं। जिन्हें भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल विविध प्रकार के वायुयानों को 3300 घंटों से भी अधिक समय तक उड़ाने का अनुभव प्राप्त है। ये प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (बांग्लादेश) तथा राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पुरा छात्र रह चुके हैं। इन्होंने ऑपरेशन सफेद सागर तथा ऑपरेशन रक्षक जैसे कई ऑपरेशनों एवं अभ्यासों में सक्रिय भूमिका निभायी है।

अपने 37 वर्ष लम्बे शानदार कैरियर के दौरान, एयर मार्शल विभिन्न फील्ड एवं स्टाफ पदों पर रह चुके हैं। कमांडिंग अफसर के रूप में इन्होंने उन्नत दर्जे के मिराज वायुयानों के साथ भारतीय वायु सेना की एक स्क्वाड्रन को पुनर्सज्जित किया और आगे चलकर इन्होंने पश्चिमी क्षेत्र में स्थित फ्रंट लाइन फाइटर एयर बेस एवं दक्षिणी क्षेत्र में स्थित प्रीमियर फाइटर ट्रेनिंग बेस की कमान संभाली। इन्होंने वायु सेना टेस्ट पायलट स्कूल में निदेशक स्टाफ के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की। साथ ही ये वायु सेना मुख्यालय में प्रधान निदेशक वायु स्टाफ रिक्वायरमेंट के पद पर भी रह चुके हैं। वायु अफसर दक्षिणी वायु कमान के वायु रक्षा कमांडर भी रह चुके हैं तथा इन्होंने वायु सेना मुख्यालय में सहायक वायु सेनाध्यक्ष (परियोजना) एवं सहायक वायु सेनाध्यक्ष (योजना) के पद को भी संभाला है।

उन्होंने बताया कि मध्य वायु कमान के वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार ग्रहण करने से पूर्व ये उप वायु सेनाध्यक्ष के पद पर नियुक्त थे। अपने पिछले कार्यकाल में इन्होंने भावी प्रोद्योगिकी को अपनाते हुए विभिन्न अग्रणी परियोजनाओं का नेतृत्व किया और यह भी सुनिश्चित किया कि भारतीय वायु सेना ‘आत्मनिर्भरता’ को आत्मसात करते हुए आधुनिकीकरण के मार्ग पर प्रशस्त रहे। सभी परिस्थितियों में मध्य वायु कमान की ऑपरेशनल तत्परता वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ का सर्वोच्च एजेंडा रहेगा, ताकि भारतीय वायु सेना अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर सके।

—————

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

Most Popular

To Top