
– मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए एनएचएम मप्र और एम्स दिल्ली ने की रणनीतिक साझेदारी
भोपाल, 08 फरवरी (Udaipur Kiran) । उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्य प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा विशेषज्ञता का लाभ महत्वपूर्ण है। एम्स दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के अनुभव और विशेषज्ञता से निश्चित रूप से हमारे स्वास्थ्य सेवा तंत्र को नई दिशा मिलेगी। एम्स दिल्ली और एनएचएम मध्य प्रदेश की साझेदारी से साक्ष्य आधारित नीतियों, उन्नत तकनीकी हस्तक्षेपों और स्वास्थ्य कर्मियों के उन्नत प्रशिक्षण से स्वास्थ्य संकेतकों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। सरकार हर माँ और नवजात शिशु को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध है।
दरअसल, शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश ने मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) में कमी लाने के लिए एम्स नई दिल्ली के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है। यह पहल प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और बेहतर स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
एम्स दिल्ली में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में एनएचएम मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना और उप संचालक (शिशु स्वास्थ्य) डॉ. यादव ने एम्स दिल्ली के विषय विशेषज्ञों डॉ. रमेश अग्रवाल, डॉ. एम. जीवसंकऱ, डॉ. अनु सचदेवा, डॉ. अपर्णा शर्मा, डॉ. अंकित वर्मा, डॉ. विवेक कुमार और डॉ. सत्य प्रकाश के साथ विस्तृत चर्चा की। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए साक्ष्य आधारित हस्तक्षेपों और नीति निर्धारण की संभावनाओं पर विचार किया गया। विशेषज्ञों ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता सुधार के लिये मार्गदर्शन दिया।
साझेदारी के अंतर्गत एनएचएम मध्य प्रदेश और एम्स दिल्ली लक्षित हस्तक्षेपों, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और आधुनिक स्वास्थ्य समाधान लागू करने की दिशा में मिलकर कार्य करेंगे। इसका उद्देश्य माताओं और नवजात शिशुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है, साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य संकेतकों को भी सुदृढ़ करना है। इसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण और तकनीकी सशक्तीकरण के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
(Udaipur Kiran) तोमर
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