लोहरदगा, 2 दिसंबर (Udaipur Kiran) । इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी लोहरदगा इकाई के तत्वावधान में स्थानीय मधुसूदन लाल अग्रवाल महिला इंटर कॉलेज के प्रांगण में सोमवार को विश्व एड्स दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन डॉ गणेश प्रसाद, उर्सुला हॉस्पिटल के चिकित्सक एवं इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी की पूर्व सचिव डॉक्टर सिस्टर आईलिन, सचिव अरुण राम, मधुसूदन लाल महिला कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर स्नेह कुमार के जरिये किया गया।
सोसाइटी के चेयरमैन डॉ गणेश प्रसाद ने कहा कि एक्वायर्ड इम्यूनोडेफ़िशिएंसी सिंड्रोम यह एक गंभीर बीमारी है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाती है। एड्स, एचआईवी संक्रमण का आखिरी चरण होता है। एचआईवी से संक्रमित हर व्यक्ति को एड्स नहीं होता है। एड्स होने में संक्रमित व्यक्ति को पांच से 10 वर्ष भी लग सकता है। एचआईवी, रेट्रोवायरस परिवार का एक उपसमूह है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की सीडी4 कोशिकाओं पर हमला करता है और उन्हें नष्ट कर देता है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों से फैलता है, जैसे कि रक्त, वीर्य, और योनि द्रव। एचआईवी को एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी से रोका और इलाज किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमण के बाद, ज़्यादातर मामलों में 2-6 हफ़्तों में फ़्लू जैसे लक्षण दिखते हैं। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को अन्य संक्रामक रोगों और बीमारियों का खतरा रहता है।
डॉक्टर सिस्टर आईलिन ने कहा कि वर्ल्ड एड्स डे की साल 2024 का थीम है। टेक द राइट पथ-माई हेल्थ, माई राइट। ये थीम बताती है कि हर एचआईवी से पीड़ित इंसान का अधिकार है कि उसे सही ट्रीटमेंट, केयर, सर्विस और बचाव का तरीका मिले। आज एड्स का कोई मेडिसिन नहीं है लेकिन बचाव ही इसका एकमात्र रास्ता है। आप अपने जीवन में संयम रखें और अपने संस्कारों का पालन करें। जागरूक रहे तो इस बीमारी से बचा जा सकता है।
सचिव अरुण राम ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और यूएन एडस की मदद से पहली बार 1988 में इस दिन विश्व एड्स दिवस मनाया गया था। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के दो पब्लिक इनफॉर्मेशन ऑफिसर जेम्स डब्ल्यू बन और थॉमस नेटर ने इस दिन को मनाने कॉन्सेप्ट दिया था, जिससे बीमारी से मर रहे लोगों के सम्मान में और लोगों के बीच ज्यादा जागरुकता फैलाने के लिए वर्ल्ड एड्स डे की शुरुआत हुई। आज के इस कार्यक्रम में एक प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया, जिसमें सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
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(Udaipur Kiran) / गोपी कृष्ण कुँवर