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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ में अहमदाबाद साइंस सिटी का उल्लेख

अहमदाबाद का साइंस सेंटर
अहमदाबाद का साइंस सेंटर

-प्रधानमंत्री के शब्द साइंस सिटी की सफलता और उसके राष्ट्र निर्माण में तथा विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी के प्रचार प्रसार में भूमिका पर मुहर समान

-साइंस सिटी मात्र गुजरात ही नहीं, परंतु देशभर के विज्ञान प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र

अहमदाबाद, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 121वें एपिसोड में गुजरात की शान समान अहमदाबाद साइंस सिटी का गौरवपूर्वक उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं में विज्ञान, टेक्नोलॉजी और नवाचार के प्रति बढ़ती रुचि की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में स्थापित विज्ञान केंद्रों के सकारात्मक प्रभाव के बारे में बात की और इस संदर्भ में अहमदाबाद में गुजरात साइंस सिटी का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कुछ समय पहले, मैंने गुजरात साइंस सिटी में साइंस गैलरी का भी उद्घाटन किया। ये गैलरी इस बात की झलक देती हैं कि आधुनिक विज्ञान की क्षमताएँ क्या हैं, विज्ञान हमारे लिए कितना कुछ कर सकता है। मुझे जानकारी मिली है कि इन गैलरियों को लेकर वहां के बच्चों में काफी उत्साह है। विज्ञान और नवाचार के प्रति बढ़ता यह आकर्षण निश्चित रूप से भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। प्रधानमंत्री के ये शब्द साइंस सिटी की सफलता और राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका के प्रमाण हैं।

अहमदाबाद साइंस सिटी की स्थापना के पीछे सरकार की दूरदर्शिता

गुजरात सरकार के विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी विभाग के तत्वावधान में समाज में वैज्ञानिक अभिगम विकसित करने तथा विशेष रूप से युवा पीढ़ी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की अद्भुत दुनिया से जोड़ने के उद्देश्य से, गुजरात विज्ञान नगर परिषद (जीसीएससी) की स्थापना 10 अगस्त 1999 को हुई थी। मात्र दो वर्ष की अल्पावधि में, साइंस सिटी के प्रथम चरण का उद्घाटन वर्ष 2001-02 के दौरान किया गया।

इस चरण में, भारत के सर्वप्रथम आईमैक्स 3डी थिएटर का लोकार्पण एक बड़ी सिद्धि थी, जिसने आगंतुकों को विज्ञान और प्रकृति की दुनिया का अभूतपूर्व अनुभव प्रदान किया। इसके साथ ही, साइंस सिटी में कुछ अन्य आकर्षक सुविधाएं जैसे कि हॉल ऑफ साइंस और हॉल ऑफ स्पेस जैसी इंटरैक्टिव गैलरी, ऊर्जा विविध स्रोतों और संरक्षण के विषय में जागृति फैलाने वाले एनर्जी एजुकेशन पार्क, जीवविज्ञान और पर्यावरण की जटिलताओं को आसानी से समझाने वाला लाइफ साइंस पार्क, पृथ्वी की संरचना और प्राकृतिक आपदाओं के बारे में रोमांचक जानकारी प्रदान करने वाला प्लैनेट अर्थ (जहाँ पहले 4डी थिएटर अनुभव दिया जाता था और वर्तमान में इसे अन्य अति आधुनिक सुविधाओं से युक्त करने की प्रक्रिया कार्यशील है।), सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए एक एम्फीथिएटर और एक मनोरंजक म्यूजिकल फाउंटेन जैसी सुविधाएं चरणबद्ध तरीके से जोड़ी गईं। इन प्रारंभिक आकर्षणों ने साइंस सिटी को मात्र गुजरात नहीं परंतु पूरे देश में विज्ञान प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना दिया है।

वैश्विक स्तर पर विज्ञान केन्द्रों के साथ कदम मिलाने तथा आगंतुकों को अत्याधुनिक अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से, साइंस सिटी के विकास का दूसरा चरण शुरू किया गया। 16 जुलाई 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं वर्चुअल माध्यम से इन नए आकर्षणों का उद्घाटन किया, जो साइंस सिटी की विकास यात्रा में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है। इस दूसरे चरण में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित और भारत की सबसे बड़ी पब्लिक एक्वेटिक गैलरी का समावेश होता है। जो समुद्री जीवन के वैविध्यपूर्ण और अद्भुत विश्व की झलक देता है। इसके साथ ही, रोबोटिक्स गैलरी, जिसमें 79 विभिन्न प्रकार के रोबोट, उनके इतिहास, वर्तमान और भविष्य की टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित किया गया है, वे युवाओं को ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करती है। इसके अलावा, 8 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला नेचर पार्क स्थानीय वनस्पति, बटरफ्लाई गार्डन और विभिन्न इकोसिस्टम मॉडल के माध्यम से जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाता है। इन नए आकर्षकों ने साइंस सिटी को एक पूर्ण वैज्ञानिक और शैक्षिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित कर दिया है।

भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हाल में तीन अत्यंत महत्वपूर्ण गैलरी ब्रह्मांड के रहस्यों को दर्शाने वाली ‘एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस साइंस गैलरी’; मानव शरीर और जीव विज्ञान की गहन समझ प्रदान करने वाली ‘ह्यूमन और बायोलॉजिकल साइंस गैलरी’, और डिजिटल टेक्नोलॉजी में क्रांति को प्रदर्शित करने वाली ‘अनलीशिंग द डिजिटल फ्यूचर गैलरी’ का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। साइंस सिटी की सफलता न मात्र इसके भौतिक आकर्षण में निहित है, बल्कि इसके शैक्षिक और सामाजिक पहलुओं में भी निहित है। वर्ष 2024 के आंकड़े इसके साक्षी हैं, जब 2 लाख से अधिक स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों सहित कुल 12 लाख से अधिक जिज्ञासु आगंतुकों ने साइंस सिटी का भ्रमण किया। इस एक वर्ष के दौरान विज्ञान के प्रचार -प्रसार करने तथा STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए 120 से अधिक विभिन्न कार्यक्रम, सेमिनार, वर्कशॉप और प्रतियोगिताएं सफलतापूर्वक आयोजित की गईं। शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के साथ सहयोग साइंस सिटी की कार्यप्रणाली का एक अभिन्न अंग है। आईआईटी गांधीनगर और माइक्रोन जैसे अग्रणी संस्थानों के सहयोग से 90 से अधिक STEM वर्कशॉप्स का आयोजन किया गया है, जिसमें 125 स्कूलों के 7000 से अधिक विद्यार्थियों और 370 से अधिक शिक्षकों ने रोबोटिक्स, कोडिंग, 3D प्रिंटिंग, खगोल विज्ञान जैसे विषयों पर प्रशिक्षण और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया है। इसके उपरांत परमाणु ऊर्जा विभाग, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी राष्ट्रीय संस्थाएं भी गैलरियों के विकास और शैक्षिक कार्यक्रमों में अपना अमूल्य योगदान दे रही हैं।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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