
नई दिल्ली, 29 मई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले के आरोपित क्रिश्चियन मिशेल की दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से जमानत की शर्त को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मिशेल की उस आपत्ति को खारिज कर दिया जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट ने उसके रिहा होने पर रहने का पता बताने की शर्त लगाई थी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप तिहाड़ जेल के अंदर ही रहें, वही आपका स्थायी पता है। आपको जमानत मिल गई, आप स्थानीय पता बताने की शर्त भी पूरी नहीं करना चाहते हैं।
मिशेल ने याचिका दायर कर हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उसकी जमानत की शर्तों में संशोधन किया था। हाई कोर्ट ने मिशेल को 5 लाख रुपये के निजी मुचलके और जमानती बांड के लिए पहले के निर्देशों के मुताबिक 5 लाख रुपये की बजाय 10 लाख रुपये नकद जमानती के तौर पर जमा करने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट ने मिशेल को रिहा होने पर अपने रहने के स्थान का पता देने की भी शर्त लगाई थी। मिशेल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि रिहा होने पर अपने रहने के स्थान का पता देने की शर्त हटाई जाए।
हाई कोर्ट में ईडी ने मिशेल की जमानत शर्तों में बदलाव की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि मिशेल एक विदेशी है और अगर कोई स्थानीय जमानतदार नहीं होगा तो उसे भारत लाना मुश्किल होगा। ईडी ने जमानत की शर्तों में बदलाव का विरोध करते हुए कहा कि अगर मिशेल की जमानत के लिए कोई स्थानीय जमानती नहीं मिलता है तो उसे भारत में नहीं लाया जा सकता।
मिशेल को अगस्ता हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में सीबीआई और ईडी दोनों के मामलों में जमानत मिल चुकी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 मार्च को मिशेल को मनी लाउंड्रिंग मामले में जमानत दी थी। सीबीआई से जुड़े मामले में मिशेल को सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को जमानत दी थी।
दरअसल, अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद के मामले में 3600 करोड़ के घोटाले का मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई के मुताबिक मिशेल ने इस घोटाले की कुछ रकम साल 2010 के बाद हासिल की और कुछ 2010 के पहले। 3600 करोड़ रुपये के इस घोटाले में ईडी ने मिशेल को जनवरी 2019 में गिरफ्तार किया था। मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर 4 दिसंबर 2018 को भारत लाया गया था।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
