Chhattisgarh

कम पानी वाले फसलों की खेती करने सलाह : कृषि उत्पादन आयुक्त

किसानों को संबोधित करते हुए अधिकारी।
किसानों को संबोधित करते हुए अधिकारी

धमतरी, 9 जून (Udaipur Kiran) ।कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार नाै जून काे धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड के मंदरौद पहुंंची। मंदरौद में श्रीमती निगार विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत आयोजित किसान शिविर में शामिल हुईं। शिविर में मौजूद किसानों को उन्होंने नई-नई तकनीकों का उपयोग कर खेती-किसानी के पारंपरिक व्यवहारों में परिवर्तन की जरूरत बताई।

कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने, खेती में नए प्रयोगों, फसल चक्र परिवर्तन, उन्नत बीजों आदि के बारे में इस अभियान में जानकारी दी जा रही है। विकसित कृषि संकल्प अभियान कृषि वैज्ञानिकों की प्रयोगशालाओं और फार्मों से उन्नत तकनीकों को किसानों के खेतों तक पहुंचाने का मुख्य जरिया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से प्रगतिशील किसानों द्वारा भी खेती में किए जा रहे नवाचारों की जानकारी कृषि वैज्ञानिकों को मिल रही है और यह देश-प्रदेश में खेती-किसानी को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी। शिविर में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा, जिला पंचायत की सीईओ रोमा श्रीवास्तव, कृषि विभाग के संयुक्त संचालक गयाराम, उप संचालक मोनेश साहू सहित कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक भी मौजूद रहे। कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों से मौसम में हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए उन्नत और वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पानी की कमी को देखते हुए किसानों को धान को छोड़कर अन्य दूसरी कम पानी की जरूरत वाली और ज्यादा फायदा देने वाली दलहन-तिलहन की फसलें लगाना चाहिए।

कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों से सरसों, तिल, अरहर, चना, मूंग, अलसी, कुसुम जैसी फसलों को बढ़ावा देने की सलाह दी। श्रीमती निगार ने उद्यानिकी फसलों की खेती करने, पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने और मछलीपालन से अतिरिक्त आय कमाने के बारे में भी किसानों को प्रोत्साहित किया। शिविर में श्रीमती निगार ने उपस्थित प्रगतिशील किसानों से चर्चा कर अपनाए जा रहे नवाचारों की जानकारी ली। उन्होंने प्रगतिशील युवा किसान पुष्पक साहू से पाली हाउस में आर्किड फूलों की खेती के बारे में जानकारी ली। वहीं उन्नतशील पशुपालक अनूप देवांगन से मुर्गी पालन कर होने वाले फायदों की भी जानकारी ली। इस शिविर में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खरीफ फसलों के लिए तकनीकी जानकारी भी दी। नई कृषि तकनीकों का प्रसार, जैविक और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड में अनुशंसित मात्रा अनुसार संतुलित उर्वरकों का उपयोग करने से लेकर किसानों को उन्नत कृषि यंत्रों की भी जानकारी दी गई। शिविर में किसानों को कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी, मछलीपालन आदि विभागों की सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताया गया।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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