– कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में भारत के पहले एग्रीप्रेनेउर समिट का हुआ सफल आयोजन
नई दिल्ली, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के कृषि विभाग से संबंधित नैप उत्क्रांति फेडरेशन के नेतृत्व में बुधवार को राजधानी नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में देश के पहले एग्रीप्रेनेउर समिट का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस समिट में देशभर के कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों, उद्यमियों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और सांसद प्रवीण खंडेलवाल की मौजूदगी में समिट में भारत के कृषि व्यापार (एग्री ट्रेड) से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। इस सम्मेलन में निर्णय किया गया कि कृषि के क्षेत्र में कार्य करने वाले पुरुषों को कृषि वीर तथा महिलाओं को कृषि भगिनी की उपाधि से प्रति वर्ष सम्मानित किया जाएगा। सांसद प्रवीन खंडेलवाल सहित 28 राज्यों के 250 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए और भारतीय कृषि व्यापार को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित किया।
इस समिट की मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आयोजन के लिए भेजे अपने संदेश में भारत के पहले एग्रीप्रेनेउर समिट को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कृषि हमारे देश की रीढ़ है, हमें आधुनिक तकनीक और नवाचारों के माध्यम से इसे और मजबूत बनाने की जरूरत है। ईरानी ने कहा कि यह समिट एग्री-बिजनेस के भविष्य को दिशा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। कृषि क्षेत्र से संबंधित हर स्टेकहोल्डर जिसमें विशेष रूप से किसान, कृषि सामग्री व्यापारी, कृषि उपकरण निर्माता तथा कृषि उत्पादों की बिक्री करने वाले लोगों को एकजुट करने की ज़रूरत है, ताकि कृषि लागत कम कैसे हो इस पर सामूहिक प्रयास किए जाएं। अंत में मै ये कहूंगी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में कृषि में सुधार के लिए अनेक योजनाएँ लागू की गई हैं जिनका अधिकतम लाभ सभी को लेना चाहिए।
प्रवीन खंडेलवाल ने कृषि व्यापार में उद्यमिता और निवेश के बढ़ते महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत के किसान और एग्रीप्रेनेउर्स वैश्विक बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में जैविक उर्वरक और बायोफर्टिलाइजर का उत्पादन लगातार बढ़ा है, और कृषि विज्ञान और टिकाऊ खेती के लिए इनका उपयोग भी बढ़ा है। कृषि निर्यात में स्थिरता आई है। हाल की विकास दर से पता चलता है कि घरेलू मांग में वृद्धि की तुलना में कृषि-खाद्य उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है, निर्यात के लिए अधिशेष की मात्रा में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। इस तरह के आयोजन इस बात को प्रमाणित करते है कि हम कृषि व्यापार के क्षेत्र में प्रगतिसंगत मार्ग पर है।
इस समिट में विभिन्न सत्रों और पैनल चर्चाओं के माध्यम से एग्री टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग स्ट्रैटेजीज, और कृषि व्यापार के उभरते रुझानों पर विशेष ध्यान दिया गया। वक्ताओं ने कृषि क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिससे भारत की कृषि व्यापार क्षमता को बढ़ाया जा सके। इस समिट ने देश के एग्री-स्टार्टअप्स और कृषि व्यापार में रुचि रखने वाले उद्यमियों को एक साझा मंच प्रदान किया, जहां उन्होंने नए विचारों और अवसरों पर चर्चा की। यह आयोजन कृषि क्षेत्र में विकास और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
समिट के प्रमुख बिंदु : इस प्रकार हैं-
-कृषि व्यापार में नवाचार और तकनीकी हस्तक्षेप।
-एग्री-स्टार्टअप्स के विकास के लिए संभावनाएँ और निवेश के अवसर।
-कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नीतियों और योजनाओं पर चर्चा।
-किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए तकनीकी उन्नति और कृषि के टिकाऊ मॉडल।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर