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युग युगीन भारत संग्रहालय के विकास के लिए संस्कृति मंत्रालय और फ्रांस संग्रहालय के बीच हुआ करार

युग युगीन भारत संग्रहालय के लिए फ्रांस के साथ समझौता समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर, गजेन्द्र  सिंह शेखावत

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में विकसित किए जाने वाले युग युगीन भारत संग्रहालय के विकास के लिए गुरुवार को फ्रांस म्यूजियम डेवलपमेंट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित समारोह में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, फ्रांस के भारत में राजदूत डॉ थियेरी माथू, संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुणीश चावला, राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक डॉ बी.आर. मणि मौजूद थे।

आगामी युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय के लिए फ्रांस म्यूजियम डेवलपमेंट के साथ राष्ट्रीय संग्रहालय के हस्ताक्षर समारोह में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध, एक रणनीतिक साझेदारी रही है। भारत और फ्रांस एक बहुध्रुवीय दुनिया में एक दूसरे को महत्वपूर्ण ध्रुवों के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस को इस बारे में बात करते हुए सुनते हैं कि हम दुनिया को अपने तरीके से कैसे देखते हैं, जरूरी नहीं कि दूसरे इसे कैसे परिभाषित करना चाहते हैं, तो यह हमारा इतिहास और विरासत है जो हमें आत्मविश्वास देती है। उन्होंने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के सांस्कृतिक सहयोग को गहरा करेंगे, हम वास्तव में एक विशेष प्रकार के रिश्ते को भी जोड़ रहे हैं, यह एक नई और अधिक लोकतांत्रिक विश्व बनाएगा।

इस मौके पर संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि युग युगीन भारत संग्रहालय देश की विकास भी विरासत भी की कल्पना के अनुरूप है। ‘युग युगीन भारत संग्रहालय’ दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय़ होगा। यह भारत की 10 हजार साल पुराने इतिहास को परिलक्षित करेगा। आज का समझौता बेहद महत्वपूर्ण है। इस संग्रहालय को विकसित करने में फ्रांस की तकनीकी सहयोग बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय के आठ भाग होंगे और भारत की कलाकृतियों की व्यापक समझ को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच संबंध को यह सहयोग और गहरा करेगा।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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