Uttrakhand

पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन व राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के बीच हुआ समझौता

एमओयू के दौरान

हरिद्वार, 9 नवंबर (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य, अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण और राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्था, मोहाली के निदेशक प्रो. दुलाल पांडा के नेतृत्व में पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन और राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, मोहाली के मध्य एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

इस एमओयू का उद्देश्य दोनों संस्थानों के मध्य अकादमिक और शोध में सहयोग को प्रोत्साहित करना है, जिससे स्वास्थ्य और औषधि विज्ञान में नए अनुसंधान और नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा।

इस समझौते के अंतर्गत दोनों संस्थानों के छात्रों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान और तकनीकी टीमों का प्रशिक्षण किया जाएगा। साथ ही अनुसंधान सम्बंधी शोधपत्रों, शिक्षण सामग्रियों और अनुसंधान रिपोर्टों को भी साझा किया जाएगा। दोनों संस्थान विभिन्न शैक्षणिक और शोध परियोजनाओं में संयुक्त रूप से सहयोग भी करेंगे। इस एमओयू के अन्तर्गत अनुसंधान प्रस्तावों के माध्यम बाहरी वित्त पोषण जुटाना भी सम्मिलित है।

इस अवसर पर, आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन हमारे वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समाज की भलाई के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूती प्रदान करेगा। हमारी संस्कृति में आयुर्वेद एक संपूर्ण चिकित्सा प्रणाली है और यह एमओयू आधुनिक विज्ञान के साथ आयुर्वेद के संयोजन से उत्पन्न एक नई क्रांति का आधार बनेगा।

निदेशक प्रो. दुलाल पांडा ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के तहत हमारे देश को प्रतिभा पलायन को रोकने में भी सफलता प्राप्त होगी।

प्रो. पांडा ने कहा कि प्राकृतिक जड़ी-बूटियों में असाध्य रोगों को भी ठीक करने की असीमित क्षमता है। उन्होंने कहा कि समस्याओं को पहचानना ही उनको समाप्त करने की ओर पहला कदम है।

पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन के उपाध्यक्ष अनुराग वार्ष्णेय ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह समझौता ज्ञापन हमें औषधीय अनुसंधान में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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