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भारत और नेपाल के बीच जल व स्वच्छता सहयोग को मजबूत करने को लेकर हुआ करार

नई दिल्लीः सुषमा स्वराज भवन में सोमवार को भारत और नेपाल ने आज अपशिष्ट प्रबंधन सहित जल, स्वच्छता और आरोग्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए करार किया। इस मौके पर उपस्थित भारत सरकार के केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और नेपाल सरकार के जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव

नई दिल्ली, 3 मार्च (Udaipur Kiran) । भारत और नेपाल ने आज अपशिष्ट प्रबंधन सहित जल, स्वच्छता और आरोग्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता यहां सुषमा स्वराज भवन में भारत सरकार के केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और नेपाल सरकार के जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव की उपस्थिति में हुआ।

समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और आरोग्य क्षेत्र में अंतर-सरकारी सहयोग को मजबूत करना है, जिससे उनकी आबादी के लिए स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित हो सके। व्यापक समझौता ज्ञापन में कई प्रमुख क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक सहयोगात्मक रूपरेखा तय की गई है। इसमें क्षमता निर्माण के तहत जल संसाधन प्रबंधन और संबंधित क्षेत्रों में नेपाली कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और प्रौद्योगिकी और ज्ञान हस्तांतरण के तहत भारत और नेपाल के बीच आरोग्य क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है। इसके अलावा भूजल प्रबंधन के तहत गुणवत्ता सुधार, कृत्रिम पुनर्भरण और वर्षा जल संचयन सहित भूजल संसाधनों की निगरानी, ​​मूल्यांकन और प्रबंधन में संयुक्त प्रयास साझा करना है।

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने सभी नागरिकों को स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। पाटिल ने जोर देकर कहा कि यह समझौता ज्ञापन सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्थिरता और क्षेत्रीय सहयोग के प्रति भारत और नेपाल की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नेपाल के जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव ने बड़े पैमाने पर स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता पहलों को लागू करने में भारत की सफलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि नेपाल इन क्षेत्रों में भारत के अनुभव से सीखने के लिए उत्सुक है और नेपाली अधिकारी अंतर्दृष्टि और सर्वोत्तम प्रथाओं को प्राप्त करने के लिए भारत में प्रमुख स्थलों का दौरा करेंगे। उन्होंने आगे प्रस्ताव दिया कि स्थिर प्रगति और ज्ञान के पारस्परिक आदान-प्रदान को सुनिश्चित करने के लिए नियमित बैठकें आयोजित की जानी चाहिए।

इस समारोह में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया, जिनमें नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव और भारत में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा, सचिव देबाश्री मुखर्जी और अशोक कुमार मीना तथा अन्य प्रतिष्ठित प्रतिनिधि शामिल थे।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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