आगरमालवा, 8 नवंबर (Udaipur Kiran) । ‘‘देवउठनी ग्यारस 12 नवम्बर एवं अन्य विवाह मुहुर्तो
पर आगरमालवा जिले में बाल विवाह रोकने के लिये आगरमालवा कलेक्टर राघवेन्द्रसिंह ने
जिले के सभी विकास खण्डों केे लिए अनुविभागीय राजस्व अधिकारी की अध्यक्षता में बाल विवाह
की निगरानी एवं रोकथाम दलों का गठन किया है। गठित दल में संबंधित तहसीलदार, महिला एवं
बाल विकास परियोजना अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा पुलिस
निरिक्षक को सम्मिलित किया है। साथ ही ऐसे आयोजनों पर अंकुश लगाने जहॉ लोगों को जागरुक
किया जा रहा है।
उक्त दलों को वैवाहिक कार्यक्रमों में सेवाएँ देने वाले मैरिज हॉल,
टैंट व्यावसायी, बैंड-बाजा कैटर्स, प्रिंटिग प्रेस आदि सेवा प्रदाताओं को उम्र संबंधित
प्रमाण पत्र प्राप्त कर परीक्षण के उपरान्त ही विवाह में सेवाये देने हेतु निर्देशित
किया है। संचालको के अलावा धर्म गुरुओं से अपील की जाती है कि वैवाहिक आयोजन के पूर्व
यह सुनिश्चित करने कि कहीं वर-वधू निर्धारित आयु से कम के तो नहीं है, यदि बाल विवाह
होना पाया जाता है तो दोनों पक्षों के अलावा आयोजन में कार्यरत सभी व्यक्तियों पर बाल
विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान अनुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
गौरतलब
है कि बाल विवाह कानूनी अपराध है, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अनुसार विवाह
के लिए युवती की उम्र 18 वर्ष एवं युवक की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। इससे कम आयु की
शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है। प्रशासन द्धारा नागरिकों से भी अपील की जाती
है कि बाल विवाह की सूचना दे। शिकायत देने वाले रिश्तेदार, पड़ोसी या अन्य लोगों का
नाम गोपनीय रखा जाएगा। इस तरह की शिकायत प्राप्त किये जाने हेतु वन स्टॉप सेंटर आगरमालवा
को जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम बनाया गया है। वही महिला बाल विकास कन्ट्रोल रूम आगरमालवा
के फोन नम्बर 07362299028 अथवा 07362297289 एवं पुलिस कन्ट्रोल रूम आगरमालवा के फोन
नम्बर 7587622800 पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। इसके अतिरिक्त पुलिस थाना, महिला
एवं बाल विकास विभाग परियोजना कार्यालय में भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।
(Udaipur Kiran) / रितेश शर्मा