आगरमालवा, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नवरात्रि पर्व पर जिलेभर में श्रृद्धालुओं द्वारा
विभिन्न स्थानों पर स्थित देवी मंदिरों, घरों और पांडालों में प्रतिमा स्थापना की जाएगी।
वहीं नौ दिनों तक विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भी किये जाएंगे। जिले की अनेक गरबा समितियों
द्वारा गरबा नृत्य के लिये महिलाओं, बालिकाओं, युवतियों व युवाओं ने जोर शोर से तैयारियां
की है। गरबा नृत्य के लिये आकर्षक ड़ांडिये, माता पूजन सामग्री, चुनरी आदि की बिक्री
के लिये बाजार भी सज गये हैं। मंदिरों और चौराहों पर देवी माँ की प्रतिमा की स्थापना
के लिये बड़े-बड़े पांडाल बनाकर उनका साज श्रृंगार किया गया है, जहां कल घटस्थापना के
साथ ही नवरात्री पर्व की शुरूआत होगी।
देवी आराधना के साथ ही तांत्रिक साधना के लिये
प्रसिद्ध आगरमालवा जिले की धार्मिक पर्यटन नगरी नलखेड़ा स्थित प्रसिद्ध पीताम्बरा
सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर पर भी देशभर से श्रृद्धालुओं के साथ ही अनेक वीवीआईपी,
राजनेता, अधिकारी, कर्मचारी और भक्तजन माता के दरबार में माथा टेक अपनी मनोकामना पूरी
करने के लिये माता के मंदिर आएंगे और अनुष्ठान भी करेंगे। यह स्थान तांत्रिक साधना
के लिये भी जाना जाता है। देवी आराधना के लिये यहां स्थित माँबगलामुखी की प्रतिमा महाभारत
कालीन बताई जाती है। कालिका पुराण में ऐसा उल्लेख है कि भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर
धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाईयों के साथ मंदिर के समीप बह रही लक्ष्मणा नदी के किनारे
बैठकर माँबगलामुखी की साधना कर महाभारत युद्ध में कौरव पर विजय प्राप्त की थी। यही
कारण है कि नवरात्रि पर्व के दौरान यहां देषभर से देवी उपासक आते है । इस मंदिर में
माँबगलामुखी त्रिषक्ति के रूप में मध्य में माँबगलामुखी, दाये माँलक्ष्मी और बाये माँसरस्वती
के रूप में विराजमान है। माँबगुलामुखी को पीला रंग अत्यन्त प्रिय होने के से यहां पूजा
और अनुष्ठान में पीली सामग्री माताजी को चढ़ाई जाती है। जैस पीली चुनरी, पीले फूल व
पीले नीबू की माला, हल्दी गठान की माला आदि वस्तुएं चढ़ाई जाती है । वही आने वाले सभी
दर्षनार्थियों के लिये मंदिर परिसर में ही निःषुल्क फलाहार तथा भोजन प्रसादी की व्यवस्था
स्थानीय श्रृद्धालुओं द्वारा की जाती है।
(Udaipur Kiran) / रितेश शर्मा