Madhya Pradesh

आगर मालवा: गोवंश की व्यवस्था की मांग को लेकर नगर बंद रहा

आगर मालवा: गोवंश की व्यवस्था की मांग को लेकर नगर बंद रहा

आगरमालवा, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । आगरमालवा जिला प्रषासन द्वारा जिलेभर सड़कों पर भटक

रहे निराश्रित गौवंष को गौषालाओ में सुरक्षित भेजे जाने तथा इलाज सहित अन्य व्यवस्था

की मांग को लेकर सोमवार को आगरमालवा जिले का सुसनेर नगर पूरी तरह से बंद रहा। सुसनेर

नगर के बंद में व्यापरियों, धार्मिक व हिन्दूवादी संगठनों के साथ ही नगरवासियों का

भी पूर्ण सहयोग मिला। शाम को जुलुस निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया

जिसमें मांग की गई कि गौवंषों को जिले में स्थित मध्यप्रदेष और राजस्थान की सीमा पर

स्थित विष्व के पहले कामधेनु गौ-अभ्यारण्य के साथ ही जिले की अन्य गौषालाओं में गौवंष

भेज जाये। ज्ञापन में लिखा गया है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के निराश्रित गौवंश

के संरक्षण हेतु यह वर्ष, गौरक्षा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके तहत निराश्रित

गौवंश को प्रदेश की गौशालाओ और गौ अभ्यारण्य में भेजा जाना है।

आगरमालवा जिले की सुसनेर

तहसील में 472 हेक्टेयर भूमि पर देश का पहला कामधेनु गौअभ्यारण्य मध्यप्रदेश सरकार

द्वारा बनाया गया है, जिसमें करीव 6000 गायों को रखे जाने हेतु 24 शेड का निर्माण किया

जा चुका है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में शासन की योजना के अंतर्गत दर्जनो गौशालाएं संचालित

की जा रही है। शासन इन्हे अनुदान भी दे रही है। इनमें वर्तमान में पुर्ण क्षमता अनुसार

हजारों गौवंश को और रखा जा सकता है। वर्तमान में गौअभ्यारण्य सहित कुछ गौशालाओ में

क्षेत्र से बाहर व अन्य प्रांतो की भी गायों को लाकर रखा जा रहा है। जबकि सुसनेर क्षेत्र

में सेकड़ो गोवंश सड़को पर भटक कर आए दिन दुघर्टनाओं का शिकार हो रहा है व भूख से पीडित

हो पोलिथिन आदि खाकर असमय काल के मुंह में समा रहा है। जिससे क्षेत्र में बार-बार अप्रिय

स्थिति निर्मित होती है। पूर्व में भी इसको लेकर कई बार नगर के सामाजिक संगठनो व नगरवासियों

द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था जिस पर प्रशासन द्वारा सुसनेर नगर के समस्त गोवंश

को गौ अभ्यारण भेजे जाने का आश्वासन दिया था परन्तु अब तक कोई ठोस कार्यवाही देखने

को नहीं मिली है। इसी कडी में आज दिनांक 02 सितंबर 2024 को सुसनेर नगर के समस्त व्यापारिक

संगठनों, सामाजिक संगठनों एवं नगरवासियों स्वेच्छा से अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर

अपना विरोध जताया है।

(Udaipur Kiran) / रितेश शर्मा

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