Gujarat

पाटीदारों के खिलाफ केस वापस लिए जाने के बाद अब राजपूत समाज ने भी की मांग

राजपूत समाज का भवन

-राजपूत समाज की विभिन्न संस्थाओं ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

अहमदाबाद, 13 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राज्य में पाटीदार आंदोलन के दौरान पाटीदार आंदोलनकारियों के विरुद्ध हुए केस राज्य सरकार ने हाल ही में वापस ले लिए, अब राजपूत समाज ने भी सरकार से अपने खिलाफ हुए मुकदमों को वापस लेने की मांग की है। गुजरात की राजपूत समाज की संस्थाओं की संकलन समिति ने मुख्यमंत्री, गृह राज्य मंत्री समेत नेताओं को पत्र लिखकर मुकदमों को वापस लेने की मांग की है। राज्य में पद्मावत फिल्म समेत क्षत्रिय अस्मिता आंदोलन के 13 केस हैं, जिन्हें वापस लिया जाना बाकी है। 2 केस सरकार ने पहले ही वापस ले लिए थे।

राजपूत समाज की संकलन समिति ने सरकार को लिखे पत्र में बताया है कि पूर्व में क्षत्रिय समाज ने क्षत्रिय अस्मिता आंदोलन (2024) और पद्मावत फिल्म (2018) के विरोध में गुजरात के गांव-गांव और शहरों में आंदोलन किया था। इस आंदोलन में समाज के युवा, बुजुर्ग, महिलाओं ने जुड़कर सक्रिया भागीदारी की थी।

राजपूत एकता केन्द्र गांधीनगर के मुख्य संकलनकर्ता रमजुभा जाडेजा ने बताया कि राजपूत समाज के अग्रणियों का प्रतिनिधिमंडल ने 10 जनवरी, 2025 को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से मुलाकात कर राजपूत समाज के केस के संबंध में भी चर्चा की थी। तब मुख्यमंत्री ने इस बारे में सकारात्मक रुख दिखाते हुए आश्वासन भी दिया था। पद्मावत फिल्म के प्रदर्शन के दौरान समाज के लोगों पर हुए केस वापस लेने के संबंध में गुजरात सरकार ने वर्ष 2019 में परिपत्र जारी किया था, इसके बावजूद अभी तक इन केसों को वापस नहीं लिए गए हैं। जाडेजा ने बताया कि क्षत्रिय समाज पर हुए अलग-अलग केसों की विस्तृत जानकारी केस नंबर, पुलिस स्टेशन और तारीख के साथ मुख्यमंत्री के निजी सचिव को सौंपी गई है।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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