RAJASTHAN

विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद प्राधिकरण की टीम पहुंची जीबीएच हॉस्पिटल

जीबीएच हॉस्पिटल

उदयपुर, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । विधानसभा में उदयपुर के जीबीएच हॉस्पिटल में अवैध निर्माण का मुद्दा उठने के बाद बुधवार को उदयपुर विकास प्राधिकरण की टीम सीज की कार्रवाई करने पहुंची। टीम जब बेड़वास के अमरीकर इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट लि. के बने जीबीएच हॉस्पिटल पहुंची तो स्टाफ और मेडिकल स्टूडेंट ने विरोध शुरू कर दिया। इधर, इस कार्रवाई से नाराज हॉस्पिटल प्रशासन ने उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा पर गंभीर आरोप लगाए है। हॉस्पिटल प्रशासन का आरोप है कि विधायक मीणा के रिश्तेदार यहां वसूली करते हैं। उन्हें कोविड के समय से परेशान किया जा रहा है।

टीम जब जनरल हॉस्पिटल की बिल्डिंग के हिस्से को सीज करने पहुंची तो चेतावनी देते हुए कहा गया कि यदि इसे सीज किया तो स्टाफ मरीजों को छोड़कर बाहर आ जाएगा और इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। मौके पर उदयपुर विकास प्राधिकरण के तहसीलदार डॉ. अभिनव शर्मा, डिप्टी छगन पुरोहित सहित कई थानों के थानाधिकारी मौजूद है। इस दौरान वहां कई बार पुलिस और जमा लोग आमने-सामने हो गए। वहां जमा लोग टीम को जनरल अस्पताल के अंदर नहीं जाने देने पर अड़ गए।

दरअसल, विधानसभा में 22 जुलाई को उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए बेड़वास के इस हॉस्पिटल का मामला उठाया था। इस पर राज्य सरकार की ओर से यूडीएच मंत्री खर्रा ने सदन में जवाब देते हुए कहा था कि 72 घंटे में अवैध बने भवनों को सीज कर दिया जाएगा और इसकी पालना कर संबंधित एजेंसी को विधानसभा सचिवालय को सूचित करना होगा। उदयपुर विकास प्राधिकरण की टीम कैंपस में जब जनरल हॉस्पिटल के अंदर का कुछ भाग सीज करने करने पहुंची तो हॉस्पिटल स्टाफ और स्टूडेंट ने अंदर नहीं जाने दिया। स्टाफ ने चेतावनी दी कि वे सभी मरीजों को छोड़कर आ जाएंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

बताया जा रहा है कि अभी वहां करीब 650 मरीज भर्ती है। इसके अलावा यहां 2500 का स्टाफ है। हॉस्पिटल के स्टाफ ने प्रशासन को चेताया कि वे आईसीयू से लेकर सभी वार्ड में भर्ती मरीजों को छोड़कर बाहर आ जाएंगे और इलाज नहीं करेंगे। मरीजों की बात आने के बाद यूडीए की टीम वहां पर जनरल अस्पताल में सीज की कार्रवाई नहीं कर पाई। टीम में शामिल तहसीलदार डा. अभिनव शर्मा ने यूडीए कमिश्नर राहुल जैन से फोन पर चर्चा कर पूरी स्थिति से अवगत कराया। अभी टीम वहीं मौजूद है और आगे क्या करना इसको लेकर मार्गदर्शन की प्रतीक्षा में है।

विरोध के बीच भी टीम अंदर पहुंची। टीम ने सबसे पहले कैंपस के पीजी हॉस्टल में चौथे मंजिल से आठवीं मंजिल तक के भाग को सीज किया। रेजिडेंट परिसर में दो-दो भवन ऊपर की मंजिल को सीज किया। जीबीएस के पीआरओ भवभूति भट्ट ने बताया कि विधायक फूल सिंह मीणा कोविड के समय से हमारे अस्पताल के खिलाफ किसी न प्रकार का मुद्दा उठा कर बेवजह परेशान कर रहे है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उनका एक रिश्तेदार हिम्मत मीणा यहां पर आकर वसूलियों का काम करता है। चुनाव के समय से वह सक्रिय है। इस तरह का वह षड्यंत्र कर बेवजह अस्पताल प्रबंधन को परेशान करवा रहा है। हम सरकार के सारे नियम को पूरा करके अस्पताल चला रहे हैं। हमने 2018 में उदयपुर विकास प्राधिकरण में इसके लिए आवेदन कर दिया लेकिन इसके बावजूद भी तय समय में स्वीकृति नहीं दी। सरकार के नियम है कि अगर तीन महीने में स्वीकृति नहीं आती तो वह स्वतः स्वीकृति मानी जाती है।

जीबीएच के मैनेजर ऑपरेशन विजित दिवाकर ने बताया कि फूल सिंह मीणा ने बदले की भावना से इसे विधानसभा में उठाकर कार्रवाई करवाई है। वर्तमान में अस्पताल के आईसीयू में 72 मरीज है। जनरल अस्पताल को सीज करते है तो यहां मरीजों को संभालने की क्या व्यवस्था होगी। उनका आरोप है कि फूल सिंह मीणा के मिलने वाले चेतन मीणा नामक व्यक्ति को यहां हमने गलत काम करते हुए पकड़ा और प्रबंधन ने उसे हटा दिया था। उन सब के बहकावे में आकर विधायक इस तरह के मुद्दे उठा रहे हैं। उदयपुर कलेक्टर ने 24 जुलाई 1998 को गिर्वा तहसील के बेड़वास में 69 हजार 650 वर्ग मीटर भूमि 99 साल की अवधि के लिए आंवटित की और निर्माण स्वीकृति में दो साल में निर्माण करने की शर्त थी। इसके बाद छह दिसम्बर 1999 को 7500 वर्ग मीटर को दूसरी बार जमीन का आवंटन कलेक्टर उदयपुर ने किया।

मंत्री खर्रा ने कहा कि वहां जो निर्माण स्वीकृति जारी की उससे ज्यादा निर्माण अमरीकन इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट लि. ने किया। 12 जुलाई को अवैध निर्माण को लेकर नोटिस भी जारी किया था। सदन में 22 को मंत्री ने अवैध निर्माण की जानकारी सदन में रखते हुए कहा कि भूतल प्लस चार तल, भूतल प्लस तीन तल और पांच भवनों को भूतल प्लस दो तल का और दो भवनों की भूतल निर्माण स्वीकृति जारी की गई थी। उन्होंने बताया कि इस पर भूतल स्वीकृति वाले का निर्माण नहीं किया ओर शेष में नियम के विपरीत अतिरिक्त निर्माण कर लिया गया। मंत्री ने उस दिन सदन में घोषणा करते हुए कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यूडीएच, स्वास्थ्य और मिनरल्स विभाग के साथ एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर चार या पांच सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही वहां पर बिना निर्माण के जितने भी निर्माण हुए सबंधित निकाय उनको 72 घंटे में सीज कर विधानसभा सचिवालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

(Udaipur Kiran) / रोहित

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