रणबीर कपूर का नाम बॉलीवुड के हरफनमौला एक्टर्स की लिस्ट में आता है। अब तक उन्होंने कई तरह के किरदार निभाकर दर्शकों का मनोरंजन किया है। हर फिल्म में दर्शकों को रणबीर का एक अलग रूप देखने को मिलता है। रणबीर को एक्टिंग की ये विरासत अपने परिवार से मिली है। वह दिवंगत अभिनेता ऋषि कपूर और नीतू सिंह के छोटे बेटे हैं। पिता के निधन के बाद रणबीर के लिए शुरुआती कुछ दिन काफी मुश्किल भरे रहे।
रणबीर कपूर जब छोटे थे तो उनकी अपने पिता के साथ बहुत अच्छी बॉन्डिंग नहीं थी, दोनों के बीच एक ‘फासला’ था। हालांकि, जब ऋषि कपूर बीमार पड़े तो पूरी स्थिति बदल गई। अस्पताल में रणबीर को उस समय घबराहट का दौरा पड़ा जब डॉक्टर ने उन्हें बताया कि ‘तुम्हारे पिता का निधन हो गया है।’ 2020 में अभिनेता ऋषि कपूर ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझते हुए आखिरी सांस ली। इस बात का खुलासा रणबीर ने दिए एक इंटरव्यू में किया है। इस इंटरव्यू में रणबीर कहते हैं, ”मुझे बचपन से ही अपने पिता से बहुत ‘प्यार’ था लेकिन उनके साथ मेरी बॉन्डिंग अच्छी नहीं थी। हमने हमेशा एक निश्चित ‘दूरी’ बनाए रखी।’ उनके अंतिम दिनों में हमारे बीच का वह ‘अंतर’ कम हो गया।’
उनके पिता की मृत्यु से एक रात पहले वास्तव में क्या हुआ था?
रणबीर ने कहा, जब मेरे पिता का निधन हुआ तो मैं रोया नहीं…मैंने रोना बंद कर दिया, क्योंकि उनके निधन से एक रात पहले डॉक्टर ने मुझे इसके बारे में बताया था।’ ‘यह उनकी आखिरी रात है… वह कभी भी गुजर सकते हैं’ डॉक्टर के ये शब्द सुनकर मुझे कोई अंदाजा नहीं था। मुझे याद है कि मैं एक कमरे में गया और इतना डर गया कि मुझे पैनिक अटैक आ गया। मुझे नहीं पता था कि मैं अपना दुख कैसे व्यक्त करूं। उसके बाद मुझे एहसास हुआ कि मैंने जिंदगी में कितना कुछ खोया है।
रणबीर कपूर ने आगे कहा, ”पिछले कुछ दिनों से मेरे पिता का न्यूयॉर्क में इलाज चल रहा था। हमने वह एक साल एक परिवार के रूप में एक साथ बिताया। मैं वहां 45 दिनों तक था। एक दिन वह मेरे पास आए और रोने लगे। उन्होंने कभी मेरे सामने इस तरह की कमजोरी नहीं दिखाई। इसलिए यह मेरे लिए बहुत अलग अनुभव था।’ मुझे तो ये भी नहीं पता था कि उन्हें गले लगाऊं या नहीं। उस वक्त मुझे एहसास हुआ कि हमारे बीच कितना ‘फासला’ है।’ उस दिन मुझे वास्तव में दूरी का एहसास हुआ… क्योंकि, मैं हमारे बीच की ‘अंतर’ को खत्म नहीं कर सका और उन्हें गले नहीं लगा सका।
रणबीर कपूर ने दिया परिवार को मजबूत सपोर्ट
जब घर पर ऐसा कुछ होता है, तो पूरी स्थिति बदल जाती है। मेरे पिता के जाने के बाद आज मैं अपनी मां, बहन, पत्नी, अपने बच्चे के साथ रह गया हूं। तो क्या मैं अपना दुःख उनके सामने व्यक्त कर सकता हूँ? मैंने सोचा कि मुझे उनके लिए मजबूत होना चाहिए…और मैंने कभी उनसे अपना दुख व्यक्त नहीं किया।” इसके अलावा रिद्धिमा कपूर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि उनके पिता के निधन के बाद हम सभी परिवार अधिक भावनात्मक रूप से एक साथ आ गए।
(Udaipur Kiran) / लोकेश चंद्र दुबे / सुनीत निगम