
काठमांडू, 2 मई (Udaipur Kiran) । भारत सरकार ने ओडिशा के भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) विश्वविद्यालय में पढ़ रही नेपाल की छात्रा प्रिसा साह की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। साथ ही शोक संतप्त परिवार और संबंधित अधिकारियों को जांच में पूरा सहयोग देने का भरोस दिया है।
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने संवेदना व्यक्त की और कहा कि घटना के प्रकाश में आने के बाद से वह उड़ीसा राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क में है। ओडिशा पुलिस छात्रा की मौत की गहन जांच कर रही है और राज्य के अधिकारियों ने परिवार के साथ पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। भारत सरकार सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा और कल्याण को बहुत गंभीरता से लेती है। नेपाली अधिकारियों, केआईआईटी विश्वविद्यालय प्रबंधन और ओडिशा सरकार के साथ समन्वय जारी है।
भारत के ओडिशा में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी में एक मई गुरुवार की रात को स्नातक में प्रथम वर्ष की 18 वर्षीय नेपाली छात्रा प्रिसा साह मृत पाई गई थीं। नई दिल्ली में नेपाली दूतावास ने पुष्टि की है कि उसे अपने छात्रावास के कमरे में लटका हुआ पाया गया था। नेपाली दूतावास ने कहा कि वह घटना को गंभीरता से ले रहा है और जांच और समन्वय प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल है। रिपोर्ट के बाद दूतावास ने आज शुक्रवार की सुबह केआईआईटी के मुख्य शैक्षणिक अधिकारियों, अंतर्राष्ट्रीय छात्र समन्वयक, छात्रावास प्रबंधक और अन्य संबंधित व्यक्तियों के साथ छात्रा की मौत के मद्दे पर चर्चा की।
इस दौरान प्रदान की गई प्रारंभिक जानकारी के अनुसार प्रिसा साह को फांसी पर लटका हुआ पाया गया था। उनकी मौत किस परिस्थितियों में हुई, इसे लेकर विस्तृत जांच चल रही है। दूतावास ने तुरंत मृतक की मां श्रीमती नीतू देवी मंडल से संपर्क कर छात्रा की मौत की जानकारी दी। नेपाली दूतावास ने कहा कि परिवार के साथ पूरी तरह से समन्वय बनाए रखा जा रहा है और आवश्यक सहायता प्रदान करने की तैयारी की जा रही है।
इस संबंध में नेपाल दूतावास ओडिशा राज्य सरकार, मुख्यमंत्री कार्यालय और अन्य संबंधित भारतीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। नेपाली राजदूत डॉ. शंकर शर्मा ने दिवंगत प्रिस साह को श्रद्धांजलि दी और उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की हैं।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
