
लखनऊ, 26 अप्रैल (Udaipur Kiran) । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्याल परिसर में शनिवार को एक बड़ी हिंसा होते—होते बची। केजीएमयू के नेत्र रोग विभाग के पीछे बनी मजार के पास अवैध अतिक्रमण हटाने टीम पहुंची थी। जहां चिकित्सकों ने दुकानदारों से नोटिस का हवाला देकर दुकान खाली करने को कहा। इससे गुस्साये मुस्लिम कब्जेदारों ने चिकित्सकों पर हमला बोल दिया। हमले में केजीएमयू के चार चिकित्सकों को चोट लगी है।
चिकित्सकों पर हमले की सूचना मिलते ही केजीएमयू के अन्य चिकित्सक व रेजीडेंट डाक्टर मौके पर पहुंच गए। आनन फानन में कई थानों की पुलिस केजीएमयू पहुंच गयी। पुलिस के अधिकारियों ने चिकित्सकों को समझाने का प्रयास किया। चिकित्सकों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी। तब जाकर पुलिस प्रशासन एक्सन में आया और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई। दो बुलडोजर की सहायता से दोपहर से अवैध अतिक्रमण गिराने का काम शुरू हुआ और देर शाम तक चला।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि केवल अतिक्रमित भूमि को ही खाली कराया जा रहा है, जो कि केजीएमयू की संपत्ति है। केजीएमयू प्रशासन ने कहा है कि नेत्र विभाग के पीछे स्थित मजार (शाहमीना शाह) को पूर्ववत स्थिति में ही रहने दिया जाएगा और उसके खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।
केजीएमयू के प्रवक्ता डा. के.के.सिंह ने (Udaipur Kiran) को बताया कि अवैध दुकानें गिरा दी गयी हैं जो अतिक्रमण बचा है उसे कल गिराया जायेगा। उन्होंने कहा कि केजीएमयू प्रबंधन का उद्देश्य इस स्थान को जनकल्याण के कार्यों में लाना है। ताकि इस क्षेत्र का उपयोग मरीजों की सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार हेतु किया जा सके।
अतिक्रमण हटाने गयी टीम में शामिल केजीएमयू के प्रवक्ता डा. के.के.सिंह, डॉ. दुर्गेश द्विवेदी, डॉ. अविनाश अग्रवाल और डा. अनित परिहार को चोट लगी है।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
