Uttar Pradesh

चुनाव की घोषणा के बाद ‘अपने यूपी’ में पांच दिन में योगी ने की 13 रैली, दो रोड शो 

मुख्यमंत्री योगी

-गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, मझवां, फूलपुर की जीत बरकरार रखने के साथ अन्य

सीटों पर कमल खिलाने को योगी ने की खूब मेहनत

लखनऊ, 19 नवंबर (Udaipur Kiran) । उपचुनाव की घोषणा के बाद ‘अपने यूपी’ में पांच दिन में 13 रैली, दो रोड शो कर मुख्यमंत्री योगी

आदित्यनाथ ने उपचुनाव की जमीन सींची। पहले विकास, फिर संवाद के फार्मूले को तय कर योगी

आदित्यनाथ ने इस उपचुनाव में भी जीतोड़ मेहनत की।

मिशन-9 के तहत गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, मझवां, फूलपुर की जीत बरकरार रखने के साथ अन्य

सीटों पर कमल खिलाने को योगी ने कार्तिक व मार्गशीर्ष (अगहन मास) में भी खूब पसीना

बहाया। माफिया व मल्लिकार्जुन खड़गे उनके निशाने पर रहे तो अखिलेश यादव की नीति व

नीयत पर भी योगी ने निशाना साधते हुए उन्हें आईना दिखाया।

अखिलेश, माफिया, मल्लिकार्जुन पर निशाना, मतदाताओं से बोले-विकास के लिए फिर कमल

खिलाना

उत्तर

प्रदेश उपचुनाव की रैलियों में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व अन्य

रैलियों में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही माफिया

भी योगी आदित्यनाथ के निशाने पर रहे। योगी ने मतदाताओं से साफ-साफ कहा कि माफिया

मुक्त उत्तर प्रदेश की भांति अन्य राज्यों में भी माफिया हटाने में वे सरकार का

साथ दें। माफिया हटाना है और विकास के लिए फिर कमल खिलाना है। योगी की यह अपील काफी

कारगर साबित हो रही है। यूपी में माफिया की दुर्गति देख मतदाता योगी के आह्वान के

साथ उपचुनाव व दूसरे राज्यों के आम चुनाव में फिर कमल खिलाने के लिए जुट गए हैं।

गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, मझवा व फूलपुर से भाजपा-सहयोगी दलों के

विधायकों के सांसद बनने के बाद यह सीटें रिक्त हो गईं। उपचुनाव में भाजपा ने

गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर से

सुरेंद्र दिलेर, मझवा से

सुचिस्मिता मौर्य व फूलपुर से दीपक पटेल को टिकट दिया है। मीरापुर सीट से रालोद की

मिथिलेश पाल मैदान में हैं। योगी आदित्यनाथ ने इन सीटों पर फिर से कमल खिलाने के

लिए मतदाताओं का आह्वान किया तो वहीं यूपी की अन्य सीटों कटेहरी, करहल, कुंदरकी व सीसामऊ में भी कमल खिलाने के

लिए काफी पसीना बहाया। 20 नवंबर को

यूपी में वोटिंग होगी और 23 को परिणाम

आएंगे।

योगी को

देख अखिलेश ने बढ़ाई सक्रियता

लोकसभा

चुनाव के पहले पत्नी डिंपल यादव के उपचुनाव को छोड़ दें तो अमूमन उपचुनावों में

अखिलेश यादव अपने ही प्रत्याशियों को मझधार में छोड़ देते थे। प्रत्याशी उनकी राह देखते थे लेकिन अखिलेश प्रचार में नहीं जाते थे।

विधानसभा उपचुनाव की भी बात करें तो कई ऐसे मौके आए, जब सपा प्रत्याशी के सहारे की तलाश में

रहे। जब उन्हें अपनों की जरूरत पड़ी तो अखिलेश नदारद रहे, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने हर चुनाव में

अपनों का हाथ थामे रखा। योगी आदित्यनाथ की मेहनत देख इस उपचुनाव में अखिलेश को भी

आखिरकार अपनों की याद आ ही गई। वह भी चुनाव प्रचार में उतरे हैं।

भाजपा के

प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में जब-जब उपचुनाव हुआ, योगी आदित्यनाथ ने भाजपा कार्यकर्ता के

रूप में प्रचार की कमान संभाली। इसका परिणाम हुआ कि भाजपा व सहयोगी दलों ने काफी

कमाल किया। गोला गोकर्णनाथ में तत्कालीन विधायक अरविंद गिरि के निधन से सीट रिक्त

हुई तो 2022 में योगी के प्रचार की बदौलत अमन गिरि

यहां से कमल खिलाने में सफल हुए। मई 2023 में छानबे सीट पर उपचुनाव में अपना दल

(सोनेलाल) की रिंकी कोल व स्वार टांडा में अपना दल (एस) के शफीक अंसारी चुनाव

जीते। इन दोनों के लिए भी योगी ने पसीना बहाया और जनता से संवाद कर इन्हें लखनऊ

पहुंचाया। रामपुर में आकाश सक्सेना, ददरौल से उपचुनाव में अरविंद सिंह की

जीत भी योगी के संवाद का ही नतीजा है। लखनऊ पूर्व से आशुतोष टंडन के निधन के

उपरांत हुए उपचुनाव में भी योगी ने भाजपा प्रत्याशी ओपी श्रीवास्तव के लिए

प्रचार-प्रसार किया, वे भी इस

सीट से जीतकर सदन पहुंचे।

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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला

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