Uttar Pradesh

सदर व बबीना विधायक के बाद अब सांसद अनुराग शर्मा ने लिखा प्रमुख सचिव को पत्र

झांसी, 22 मई (Udaipur Kiran) । जनपद में उच्च स्तर पर चल रही बिजली कटौती से परेशान नगरवासियों के दुःख में अब क्षेत्रीय सांसद अनुराग शर्मा भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर नगर की बिजली समस्या से अवगत कराते हुए जल्द समाधान की मांग की है। उन्होंने विद्युत विभाग पर निर्माण कार्य में शिथिलता के आरोप भी लगाए हैं।

इससे पहले सदर विधायक रवि शर्मा बिजली मंत्री को एवं बबीना विधायक राजीव सिंह सीधे मुख्यमंत्री को समस्या का हवाला दे चुके हैं लेकिन बिजली अधिकारियो के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही। विपक्ष बिजली कटौती के खिलाफ जोरदार आंदोलन कर रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन भी कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं लेकिन मामला सम्भलता नजर नहीं आ रहा है। गुरुवार को एक होटल में सभी राजनीतिक दलों, व्यापारी संगठनों व सामाजिक संगठनों ने एक सर्वदलीय बैठक कर आंदोलन की रणनीति तैयार की है। शुक्रवार को ये सभी संगठन इलाईट चौराहे पर ढाई घंटे का धरना भी देंगे। इसके इतर बिजली अधिकारी कटौती का रोस्टर तक नहीं बना पा रहे जिससे लोगों को तनिक सी भी राहत मिल सके।

इस बीच बुधवार की रात आई भीषण आंधी ने हालात और अधिक दुष्कर कर दिए। फिलहाल,आज तक समस्या पर खामोश सांसद अनुराग शर्मा को भी जनता की सुध आ ही गई है। उन्होंने प्रमुख सचिव को पत्र में लिखा है कि झाँसी -ललितपुर संसदीय क्षेत्र में इन दिनों लगातार बिजली आपूर्ति की समस्या को लेकर आम जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों से प्रतिदिन बिजली कटौती, कम वोल्टेज और अनियमित आपूर्ति की अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। यह स्थिति न केवल आम जनजीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि स्वास्थ्य सुबिधा , पेय जल आपूर्ति ,किसानों, विद्यार्थियों, व्यापारियों और छोटे उद्योगों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। पत्र में कि झाँसी-ललितपुर क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से स्थायी और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। यह भी बताया गया है कि कि कई सब स्टेशन का निमार्ण कार्य किये जाने में भी शिथिलता बरती गई जिसके चलते आज ये हालात बन गए हैं। उन्होंने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया है।

देखना यह है कि सांसद के हस्तक्षेप के बाद भी स्थिति में कोई सुधार होता है या नहीं। क्योंकि सदर और बबीना विधायक की पहल तो अब तक कोई रंग लाती नहीं दिख रही। उधर जनता का 18-20 घंटे तक की कटौती से बुरा हाल है। कोई बच्चे लेकर एटीएम में डेरा डाले है तो कोई चौराहे पर। कुल मिलाकर विद्युत कटौती अब जनप्रतिनिधियों के लिए भी जी का जंजाल बनता दिखाई दे रही है।

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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

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