Uttar Pradesh

सीएमआरएस द्वारा एनओसी मिलने के बाद शहरवासी कर सकेंगे भूमिगत मेट्रो में सफर : सुशील कुमार

निरीक्षण करते अधिकारी
निरीक्षण करते अधिकारी

कानपुर, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-एक आईआईटी से नौबस्ता के अंतर्गत मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा आरंभ करने के पूर्व की तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। सीएमआरएस जनक कुमार गर्ग द्वारा दो दिनों तक मेट्रो सेक्शन का जायजा लिया गया। जहां पहले दिन उन्होंने मोतीझील से कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो सेक्शन के दोनों लाइनों पर टनल और ट्रैक का जायजा लिया। शुक्रवार को उनके द्वारा मेट्रो ट्रेन की अलग-अलग स्पीड में हाई और लो स्पीड टेस्ट किया गया। यह जानकारी शुक्रवार को यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने दी।

मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने दो दिनों तक मेट्रो की हर बारीकियों को करीब से जानने और अंतिम मोहर लगाने के उद्देश्य से प्रत्येक स्टेशनों के रखरखाव से लेकर ट्रेन की रफ्तार और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। प्रक्रिया की शुरूआत गुरुवार को मोती झील मेट्रो स्टेशन से की।

सीएमआरएस शुक्रवार को मोतीझील स्टेशन से कानपुर सेंट्रल तक दोनों लाइन (अप-लाइन और डाउनलाइन) पर मेट्रो ट्रेन का स्पीड टेस्ट किया। इस दौरान मेट्रो ट्रेन की परिचालन के दौरान उत्पन्न हो सकने वाली हर परिस्थिति के अनुसार जांच की गई। ट्रेन को अधिकतम गति पर चलाकर, बीच-बीच में अचानक ब्रेक लगाकर और कम गति पर चला कर भी देखा गया।

सीएमआरएस कानपुर सेंट्रल तक जाने के क्रम में एक-एक कर सभी स्टेशनों पर भी गए। स्टेशनों पर उन्होंने यात्री सुविधाओं, स्टेशन कंट्रोल रूम और सुरक्षा से जुड़े विभिन्न उपकरणों व सिस्टम्स को भी जाना। आग लगने जैसी आपात परिस्थिति से निपटने में अलार्म सिस्टम और मेट्रो स्टाफ की मुस्तैदी को भी परखा।

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने 20-21 मार्च को मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो सेक्शन का जायजा ले चुके हैं। इस दौरान उन्होंने ट्रेन और स्टेशन में यात्री सेवा से जुड़े सभी पहलुओं को बारीकी से परखा। यात्री सेवा आरंभ करने से पूर्व सीएमआरएस द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलना आवश्यक होता है।

एनओसी मिलने के बाद कानपुर वासियों को जल्द से जल्द मोती झील से कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो यात्रा की सौगात मिल सकेगी। शहर के इस हिस्से में मेट्रो का परिचालन आरंभ होने से प्रमुख शिक्षण केंद्र, अस्पताल, बाजार व स्टेशन मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। कानपुर मेट्रो शहर के अंदर और बाहर यात्रा करने वाले लाखों शहर वासियों के लिए लाइफ लाइन साबित होगी।

(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप

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