
बिलासपुर, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पदोन्नति के बाद सहायक शिक्षकों की बिना काउंसलिंग ही स्कूल शिक्षा विभाग ने मनमाने ढंग से नई जगहों पर पोस्टिग कर दी थी। इस फैसले को बिलासपुर में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में चुनौती दी गई और अब कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए पदोन्नति के बाद पोस्टिंग आदेश के अमल पर रोक लगा दी है।
बिलासपुर जिले के कई सहायक शिक्षक (एल.बी.) जैसे कि सूरज कुमार सोनी, हलधर प्रसाद साहू, रमेश कुमार साहू, शिप्रा सिंह बघेल और ज्ञानचंद पांडे, को हेड मास्टर के पद पर पदोन्नत किया गया। लेकिन पदोन्नति के बाद उन्हें जहां मन आया, वहां भेज दिया गया, जबकि उनके पुराने स्कूलों में ही हेड मास्टर के पद खाली थे।
अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते शिक्षकों ने हाई कोर्ट में रिट याचिका लगाई। उनका कहना है कि सरकार ने पहले ही स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं कि यदि जिस स्कूल में शिक्षक तैनात हैं, वहीं हेड मास्टर का पद खाली है, तो वहीं पोस्टिंग मिलनी चाहिए। साथ ही, अगर उसी ब्लॉक में पद हो, तो वहां प्राथमिकता दी जाए। लेकिन अधिकारियों ने इस प्रक्रिया को नजरअंदाज कर दिया।
मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने कहा कि जब तक शिक्षकों का आवेदन (अभ्यावेदन) डीपीआई के पास लंबित है, तब तक उनके पदोन्नति आदेश पर रोक रहेगी। साथ ही शिक्षकों को उनके पुराने स्कूलों में काम करने की इजाजत दी गई है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि डीपीआई (लोक शिक्षण संचालनालय) को याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर 30 दिनों के भीतर निर्णय लेना होगा।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
