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सचिवालय में भारी हंगामे के बाद राज्य सरकार और जूनियर डॉक्टरों की बैठक विफल, सीधा प्रसारण बना मुख्य विवाद

सचिवालय के सामने मीडिया से मुखातिब जूनियर डॉक्टर

कोलकाता, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार और जूनियर डॉक्टरों के बीच नवान्न में होने वाली बैठक गुरुवार को भारी हंगामे और नाटकीय घटनाक्रम के बीच एक बार फिर विफल हो गई। जूनियर डॉक्टरों ने बैठक का सीधा प्रसारण किए जाने की मांग की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इस वजह से बैठक में किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं हो सकी, जिससे डॉक्टरों में भारी निराशा फैल गई है।

जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल नवान्न पहुंचने के बाद भी सरकार से उनकी मांगों पर कोई सहमति नहीं बन सकी। डॉक्टरों की मांग थी कि बैठक का सीधा प्रसारण किया जाए, ताकि आम जनता भी इसे देख सके, लेकिन सरकार ने इसके बजाय बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग का प्रस्ताव दिया, जिसे डॉक्टरों ने अस्वीकार कर दिया।

जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधियों ने सचिवालय के सामने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, हम कुर्सी के लिए यहां नहीं आए हैं, बल्कि न्याय के लिए आए हैं। हम मुख्यमंत्री की सदिच्छा पर भरोसा रखते हुए यहां आए थे, लेकिन उनके हालिया बयानों से हमें निराशा हुई है। हमें अब भी उम्मीद है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकलेगा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि तीन दिनों में समाधान न निकल पाने के लिए वह बंगाल की जनता से माफी मांगती हैं। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वे अपनी सेवाओं पर लौट आएं। उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में शामिल न होने वाले डॉक्टरों को वह माफ करती हैं लेकिन उनकी सरकार का अपमान किया गया है।

जूनियर डॉक्टरों ने अपने बयान में यह भी कहा कि वे तब तक नवान्न के बाहर इंतजार करेंगे जब तक कि मुख्यमंत्री वहां मौजूद हैं और बैठक के लिए तैयार नहीं हो जातीं।

हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों को न्याय नहीं चाहिए बल्कि कुर्सी चाहिए। मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। ममता ने कहा कि बंगाल के लोग मुझे माफ कर दें। मैं तीन दिनों में भी मामले का समाधान नहीं कर पाई। मैं तिलोतमा के लिए न्याय चाहती हूं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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