Uttar Pradesh

कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को पकड़ा

कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को पकड़ा

पकड़े गए मगरमच्छ को यमुना बेतवा संगम के पानी में छोड़ा गया

हमीरपुर, 25 नवम्बर (Udaipur Kiran) । पौथिया गांव के तालाब में मगरमच्छ दिखने की सूचना पर दो बार वन विभाग की टीम नाव के जरिए ढूंढते रही। लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगने पर वापस खाली हाथ लौट गई। सोमवार को एक बार फिर से वही मगरमच्छ तालाब में दिखा तो लोगों में हड़कंप मच गया। लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ सकी और इसको यमुना बेतवा संगम में छोड़ दिया गया है।

बताते चलें कि पौथिया गांव स्थित चारागाह के बगल में भारी भरकम तालाब है। करीब एक सप्ताह पूर्व इसमें मगरमच्छ दिखने से मोहल्ले के लोगों दहशत फैल गई थी। इसकी सूचना वन विभाग को दी थी गई थी। जिस पर वन विभाग के दरोगा जितेंद्र सिंह अपनी टीम सहित दो दिन तक नाव व जाल के जरिए मगरमच्छ को तलाशते रहे। लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। जिस पर टीम खाली हाथ लौट गई। इसके दो सप्ताह बाद फिर से तालाब किनारे मगरमच्छ दिखाई दिया। जिससे एक बार फिर से मोहल्ले के लोगों में हड़कंप मच गया। मोहल्ले के लोगों ने मगरमच्छ का फोटो खींच कर वायरल किया है। मोहल्ला निवासी देवीदीन, राकेश, पप्पू आदि लोगों ने बताया कि बीते दिनों बेतवा नदी में आई बाढ़ में मगरमच्छ आया होगा। इसके बाद वन विभाग की टीम लगातार तालाब पर नजर बनाए रही। तालाब के पानी को काफी हद तक खाली कराया। इसके बाद सोमवार को वन विभाग की टीम ने नाव के जरिए जाल डालकर मगरमच्छ को पकड़ लिया है। वन दरोगा जेपी सिंह ने बताया कि मगरमच्छ को पकड़कर यमुना बेतवा के संगम में छोड़ दिया गया है।

ग्राम प्रधान जगदीश मौर्य की बहादुरी पर गर्व

महोबा जिले के महेवा गांव के ग्राम प्रधान जगदीश मौर्य ने एक बार फिर अपनी बहादुरी और सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया है। हाल ही में, उन्होंने हमीरपुर जिले के एक गांव के तालाब में घुस आए एक मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ा। यह मगरमच्छ बेतवा नदी से तालाब में आ गया था और प्रतिदिन किसानों की बकरियां खा रहा था, जिससे पूरे गांव में दहशत का माहौल था। जगदीश मौर्य ने बिना किसी डर के इस चुनौती का सामना किया और मगरमच्छ को काबू में किया। उनकी सतर्कता और साहस से न केवल गांव वालों को राहत मिली बल्कि वन विभाग की मदद से मगरमच्छ को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। जगदीश मौर्य सिर्फ मगरमच्छ पकड़ने में माहिर नहीं हैं, बल्कि वह सर्प मित्र भी हैं। वे साँपों को सुरक्षित तरीके से पकड़ते हैं और उन्हें जंगल में छोड़कर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देते हैं। उनकी इस बहादुरी और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को सलाम! ग्राम प्रधान जगदीश मौर्य जैसे लोग हमारे समाज के सच्चे नायक हैं। आपकी हिम्मत और जिम्मेदारी ने हमें प्रेरित किया है। पूरा क्षेत्र आपकी इस पहल के लिए गर्व महसूस करता है।

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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा

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