Madhya Pradesh

रीवा के गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में डिलीवरी के बाद पांच महिलाएं हुई बेसुध, डॉक्टर ने दवा में गड़बड़ी की जताई आशंका

रीवा के गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में डिलीवरी के बाद पांच महिलाएं हुई बेसुध

रीवा, 1 मार्च (Udaipur Kiran) । रीवा के गांधी स्मृति चिकित्सालय के गायनिक विभाग में डिलीवरी के बाद पांच महिलाओं की शनिवार सुबह को अचानक तबीयत बिगड़ गई। महिलाओं की याददाश्त चली गई और वे अपने परिवार के सदस्यों को भी नहीं पहचान पा रही हैं। इस घटना से चिकित्सक भी हैरान हैं। अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। महिलाओं का डॉक्टरों की देखरेख में उपचार चल रहा है। दो महिलाओं की हालत गंभीर होने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों की टीम इस रहस्यमयी घटना की जांच में जुटी हुई है।

दरअसल, गांधी स्मृति चिकत्सालय के गायनिक विभाग में शुक्रवार काे पांच महिलाओं का सीजेरियन हुआ था। डिलीवरी सुरक्षित तरीके से हुई। सभी बच्चे पूरी तरीके से स्वस्थ थे। ऑपरेशन के बाद उनको नार्मल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन प्रसूताओं को होश ही नहीं आया। काफी देर तक जब महिलाएं बेसुध रहीं तो परिजनों की भी चिंता बढ़ने लगीं। कुछ समय बाद महिलाओं को होश आया, लेकिन वे अपने परिजनों को नहीं पहचान पा रही थीं। यह देखकर परिजन भी घबरा गए। आनन-फानन में अस्पताल में स्टाफ को इसकी जानकारी दी। परिजनों और डॉक्टरों के लिए यह स्थिति बेहद चौंकाने वाली थी। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है। चिकित्सकों की एक विशेष टीम ने तुरंत इन महिलाओं की जांच शुरू की लेकिन फिलहाल किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है।

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ये दवा का साइड इफेक्ट हो सकता है। हालांकि, सभी महिलाएं फिलहाल खतरे से बाहर हैं। वहीं, महिलाओं के परिजन का कहना है कि वे हाथ-पैर भी हिला नहीं पा रही हैं। पूरी तरह से शून्य हो गई हैं। शाहिद अली ने बताया कि भतीजी का ऑपरेशन हुआ था। डिलीवरी के बाद सब कुछ ठीक था, लेकिन सुबह से वह बेसुध पड़ी है। कुछ बोल नहीं रही। बाकी महिलाओं की भी यही हालत है। चुरहट से आए अंबुज गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी ऑपरेशन के बाद ठीक थी, लेकिन अब पूरी तरह शून्य हो गई हैं, हाथ-पैर तक नहीं हिला पा रहीं।

इधर अस्पताल अधीक्षक राहुल मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच के लिए अलग-अलग विभागों की डॉक्टरों की टीम काम कर रही है। ड्रग्स में डिफॉल्ट (दवा में गड़बड़ी) की आशंका जताई जा रही है, लेकिन इसकी पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगी। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, शुक्रवार को कुल 7-8 डिलीवरी हुई थी। इनमें से 5 को समस्या हुई। गर्भवती महिलाओं को 3-4 दिन पहले भर्ती कराया गया था। सभी का ऑपरेशन शुक्रवार शाम से लेकर देर रात के बीच हुआ। सभी नवजात ठीक हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक प्रसूताओं को डिलीवरी के समय में दिए जाने वाले इंजेक्शन और बॉटल ही लगाए गए थे। कौन सा ड्रग घातक साबित हुआ या लापरवाही कहां और किससे हुई, इसकी जांच रिपोर्ट अगले 24 से 48 घंटे में दी जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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