कोलकाता, 23 नवंबर (Udaipur Kiran) ।
पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा थाने के प्रभारी अधिकारी (आईसी) पार्थ घोष को ‘अनिवार्य प्रतीक्षा’ (कमपलसरी वेटिंग) पर भेजा गया है। शुक्रवार को नवान्न की ओर से इस संदर्भ में आदेश जारी किया गया। इस आदेश के तहत पार्थ घोष को शनिवार को कोलकाता के भवानी भवन में रिपोर्ट करना होगा।
इससे पहले, बाराबनी थाने के सब-इंस्पेक्टर मनोरंजन मंडल को निलंबित कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पुलिस विभाग के निचले स्तर पर कर्तव्य में लापरवाही के आरोप लगने के बाद पुलिस विभाग में यह कार्रवाई तेज हो गई।
गुरुवार को नवान्न में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस विभाग और केंद्रीय बलों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, सीआईएसएफ के कुछ अधिकारी और पुलिस के निचले स्तर के कुछ कर्मी पैसे लेकर कोयला और बालू की तस्करी जैसे अवैध कामों में मदद कर रहे हैं। मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगी।
मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी के बाद प्रशासन और पुलिस विभाग में हलचल मच गई। पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार, कई अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। शुरुआत बाराबनी थाने के एसआई मनोरंजन मंडल से की गई, जिन्हें 19 नवंबर को अंडाल थाने में स्थानांतरित किया गया था। हालांकि, यह आदेश अब रद्द कर दिया गया है।
ममता बनर्जी की सख्त टिप्पणी के बाद राज्य की सीआईडी और एसटीएफ ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। पुलिस ने दुर्गापुर में लोहे की तस्करी के आरोप में तृणमूल कांग्रेस के दो नेताओं को गिरफ्तार किया है। इनमें एक स्थानीय ब्लॉक के सह-अध्यक्ष हैं और दूसरे पूर्व सचिव।
मुख्यमंत्री ने राज्य की ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ और ‘एंटी करप्शन ब्यूरो’ को और मजबूत करने का निर्देश दिया है। साथ ही, राज्य के खुफिया विभाग में भी फेरबदल की योजना बनाई जा रही है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर