– निफ्टी में शामिल 19 कंपनियों के स्टॉक्स में आई जोरदार गिरावट
– मई के बाद पहली बार निफ्टी ने दिया निगेटिव रिटर्न
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । घरेलू शेयर बाजार में अक्टूबर का महीना निफ्टी 50 के प्रदर्शन के लिहाज से निवेशकों के लिए कई साल बाद सबसे बुरा महीना साबित हुआ है। विदेशी निवेशकों की चौतरफा बिकवाली, कंपनियों के कमजोर बीमारी नतीजे, चीन के राहत पैकेज और जियो पोलिटिकल टेंशन के कारण निफ्टी ने पिछले 5 साल की अवधि में अभी तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है। अक्टूबर के महीने में निफ्टी अपने ऑल टाइम हाई से करीब 2 हजार अंक तक फिसल चुका है।
27 सितंबर को निफ्टी 26.277.35 अंक के स्तर पर तक पहुंचने में सफल हुआ था लेकिन आज ये सूचकांक 24,172.60 अंक तक लुढ़क चुका है। इस तरह से ये सूचकांक अपने सर्वोच्च स्तर से अभी तक करीब 6 प्रतिशत टूट चुका है। इससे पहले मार्च 2020 में निफ्टी कोरोना के संक्रमण और उसके बाद लगे लॉकडाउन की वजह से 23 प्रतिशत तक टूट गया था। मार्च 2020 के बाद निफ्टी में इतनी बड़ी गिरावट पहली बार आई है। इसके साथ ही इस साल मई के महीने के बाद पहली बार अक्टूबर के महीने में निफ्टी ने नेगेटिव रिटर्न दिया है। यानी ओवरऑल निफ्टी के निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ा है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अक्टूबर के महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने जिस तरह से बिकवाली का दबाव बनाया, उसने शेयर बाजार के सेंटीमेंट्स को बिगाड़ने में प्रमुख भूमिका निभाई। अक्टूबर के महीने में विदेशी संस्थागत निवेशक एक लाख करोड़ से अधिक की शुद्ध बिकवाली कर चुके हैं। घरेलू शेयर बाजार के इतिहास में पहली बार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने किसी एक महीने में इतनी अधिक बिकवाली की है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली के जवाब में हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) जमकर लिवाली भी करते रहे लेकिन वैश्विक और घरेलू स्तर पर कुछ अन्य कारकों की वजह से मार्केट सेंटीमेंट लगातार बिगड़ता चला गया।
स्टॉक एंड ट्रेड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ मनोज जैन के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई बिकवाली के कारण मार्केट सेंटीमेंट्स तो खराब हुए ही, निफ्टी में शामिल चुनिंदा शेयरों में आई गिरावट ने भी इस सूचकांक की चाल को बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई। अक्टूबर के महीने में निफ्टी 50 में शामिल 19 कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के कारण ये सूचकांक अपने सर्वोच्च स्तर से 6 प्रतिशत तक नीचे लुढ़क गया। इन 19 कंपनियों के स्टॉक्स में आई गिरावट की मुख्य वजह उनके कमजोर तिमाही नतीजे रहे। ऐसी कंपनियों में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, इंडसइंड बैंक, बीपीसीएल, बजाज ऑटो और नेस्ले जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
निफ्टी में गिरावट की एक बड़ी वजह हाई वैल्यूएशन को भी माना जा रहा है। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के अनुसार हाई वैल्यूएशन के कारण अक्टूबर में निवेशकों ने जमकर मुनाफा वसूली की। इसकी वजह से निफ्टी में शामिल ज्यादातर कंपनियों का वैल्यूएशन अपने पीक लेवल से नीचे आ गया है। हालांकि प्रशांत धामी का ये भी कहना है कि कंपनियों का वैल्यूएशन अभी भी लॉन्ग टर्म एवरेज की तुलना में अधिक है। ऐसी स्थिति में जब तक कंपनियों के अर्निंग ग्रोथ में तेजी नहीं आएगी, तब तक निफ्टी पर दबाव बना रह सकता है।
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक