पेशावर, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान के पेशावर में मंगलवार को ईद मिलाद उन नबी के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने इस कार्यक्रम में अफगानिस्तान के राजनयिकों को भी आमंत्रित किया। कार्यक्रम में पाकिस्तान का राष्ट्रगान बजाया गया। इस दौरान अफगानिस्तान के अधिकारी अपने स्थान पर बैठे रहे। पाकिस्तान ने अफगान राजनयिकों पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया है।
एआरवाई न्यूज की खबर के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान के कार्यवाहक महावाणिज्यदूत मोहिबुल्लाह शाकिर ने पेशावर में रहमत-उल-लिल-आलमीन सम्मेलन में राजनयिक उल्लंघन पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। आरोप है कि इस कार्यक्रम में जब पाकिस्तान का राष्ट्रगान बजा, तब मोहिबुल्लाह शाकिर राजनयिक प्रोटोकॉल की खुलेआम अवहेलना करते हुए अपने स्थान पर बैठे रहे।
इस पूरे विवाद पर अफगान वाणिज्य दूतावास पेशावर के प्रवक्ता ने सफाई दी है। प्रवक्ता के अनुसार उनका पाकिस्तान के राष्ट्रगान का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। राष्ट्रगान म्यूजिक के साथ बज रहा था, इसलिए अफगान महावाणिज्य दूत राष्ट्रगान के बजते वक्त खड़े नहीं हुए। म्यूजिक की वजह हमने अपने ही राष्ट्रगान पर बैन लगा दिया है। अफगान राजनयिक जाहिर तौर पर राष्ट्रगान के सम्मान में अपने सीने पर हाथ रखकर खड़े होते, अगर राष्ट्रगान को बिना म्यूजिक के बजाया जाता। मेजबान देश (पाकिस्तान) के राष्ट्रगान का अपमान करने का सवाल ही नहीं उठता।
इस मसले पर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने बयान में कहा कि मेजबान देश के राष्ट्रगान का अनादर राजनयिक मानदंडों के खिलाफ है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक महावाणिज्य दूत का यह कृत्य निंदनीय है। हम इस्लामाबाद और काबुल दोनों में अफगानिस्तान के अधिकारियों के समक्ष कड़ा विरोध जता रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद