– उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में तीन दिवसीय रीजनल वर्कशॉप शुरू
ग्वालियर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । अधिवक्ता एक सामाजिक इंजीनियर की तरह होता है, क्योंकि न्याय को सार्थक रूप से संबंधित के पास पहुंचाने की जिम्मेदारी अधिवक्ता की होती है। साथ ही अधिवक्ता समाज के उपचारक भी होते है। इसलिए अधिवक्ताओं के लिये विधि अक्षर और भाव दोनों को गंभीरता से समझना आवश्यक है, क्योंकि अधिवक्ता न्याय दिलाने के पहरेदार होते हैं।
यह विचार उच्च न्यायालय खण्डपीठ-ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति आनंद पाठक ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ-ग्वालियर के ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित हुई रीजनल वर्कशॉप के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि अधिवक्तागण के लिये यह आवश्यक है कि वे इस प्रकार की वर्कशॉप में अपनी भागीदारी करें और अनुभव प्राप्त करें। इस प्रकार के वर्कशॉप से मिले अनुभव उनके कार्यक्षेत्र में निखार और अनुभव लाते हैं और ज्ञान को मजबूत करते हैं।
मध्यप्रदेश ज्यूडिशियल एकेडमी, जबलपुर के तत्वाधान में 13 से 15 सितम्बर तक आयोजित हो रही इस वर्कशॉप में उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति-ग्वालियर के विधिक सेवा पेनल अधिवक्ता एवं उच्च न्यायालय खण्डपीठ-ग्वालियर में कार्यरत पाँच वर्ष तक के अनुभवी अधिवक्तागण भाग ले रहे हैं। 15 सितम्बर को अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय के समस्त पदाधिकारी व अधिवक्तागण भी इस कार्यशाला में सम्मिलित होंगे।
वर्कशॉप के शुभारंभ अवसर पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ-ग्वालियर के न्यायमूर्ति अनिल वर्मा, न्यायमूर्ति मिलिंद रमेश फडके, न्यायमूर्ति रूपेश चंद्र वार्ष्णेय , न्यायमूर्ति संजीव कलगांवकर, न्यायमूर्ति हृदेश एवं न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार वाणी, मध्यप्रदेश ज्यूडिशियल एकेडमी के निदेशक कृष्णमूर्ति मिश्रा, संकाय सदस्य धर्मेन्द्र कुमार टाडा, ओ.एस.डी अमित सिंह सिसौदिया, प्रधान जिला न्यायाधीश ग्वालियर पी. सी. गुप्ता, खण्डपीठ-ग्वालियर के जिला न्यायाधीश (सतर्कता) प्रदीप मित्तल, प्रिंसिपल रजिस्ट्रार अखिलेश कुमार मिश्र व ओएसडी हितेन्द्र द्विवेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता एनके गुप्ता, मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य जयप्रकाश मिश्रा व जितेन्द्र शर्मा, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पवन पाठक व सचिव महेश गोयल सहित अन्य अधिवक्तागण सम्मिलित हुये।
(Udaipur Kiran) तोमर