जयपुर, 20 सितंबर (Udaipur Kiran) । सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग ने साइबर सुरक्षा एवं साइबर स्वच्छता के प्रति आम जनता में जागरुकता बढ़ाने के लिए यूपीआई फिशिंग धोखाधड़ी और ऑनलाइन नौकरी धोखाधड़ी के संबंध में एडवाइजरी जारी की है।
गृह विभाग की संयुक्त शासन सचिव पूजा पार्थ ने बताया कि इस संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम, एससीआरबी एवं तकनीकी सेवाएं को पत्र लिखा गया है।
उन्होंने बताया कि बैंकिंग संबंधी मुद्दों में मदद के बहाने जालसाज पीड़ितों से उनके पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर लिंक अग्रेषित करने के लिए कहते हैं और पीड़ित के बैंक खातों तक पहुंच जाते है। धोखेबाज लोग केवाईसी, आधार अपडेट करने के बहाने से भी ओटीपी साझा करने की कहकर धोखाधड़ी कर सकते हैं। स्वयं को बैंक अधिकारी बताने वाले किसी भी व्यक्ति को ओटीपी या लिंक साझा न करें। रिफंड पाने आदि के लिए गूगल सर्च से प्राप्त कस्टमर केयर नम्बर पर कॉल करने वाले लोग इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार बन सकते है।
इसके अतिरिक्त नौकरी की तलाश में अपना डेटा विभिन्न वेबसाइटों पर या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करने वाले उपयोगकर्ता के डेटा का उपयोग साइबर अपराधी अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर पंजीकरण एवं सेवा शुल्क की मांग करते है। ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए अपना आवेदन केवल पंजीकृत वेबसाइट पर ही जमा कराए। नौकरी के लिए कोई अग्रिम भुगतान न करें।
सामान्य जागरूकता टिप्स
ऐसे संकेतों पर ध्यान दें कि आपको कोई संदिग्ध ईमेल मिला है, जैसे ईमेल भेजने वाला, विषय, हस्ताक्षर। किसी ईमेल पर तुरंत भरोसा न करें, ध्यान से पढ़े और फिशिंग संकेतों की जाँच करें। जब तक लिंक किसी विश्वसनीय स्रोत से न हों, तब तक उन पर क्लिक करने से बचें। अगर आपको किसी ऐसे नंबर से टेक्स्ट मिलता है जिसे आप पहचानते नहीं है तो उसे ध्यान से पढ़ें।
अगर आपको लगता है कि आपको स्मिशिंग टेक्स्ट मैसेज मिला है, तो उसका जवाब न दें। कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति या असुरक्षित साइट को व्यक्तिगत या संवेदनशील जानकारी न दे जिसे आप नहीं जानते।अगर मैसेज/कॉल में किसी तरह की अत्यावश्यकता की भावना हो, तो हमेशा संदेह करें।फोन कॉल के दौरान सतर्क रहें और ध्यान दे। व्यक्तिगत रूप से या फोन पर जानकारी माँगने वालों की पहचान सत्यापित करें। फोन कॉल पर अपने बैंक खाते का विवरण, व्यक्तिगत जानकारी, ओटीपी आदि साझा न करें।याद रखें कि बैंक कभी भी कार्ड नंबर/सीवीवी नंबर/ओटीपी नहीं पूछता। ईमेल साझा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे साइबर अपराधियों द्वारा इंटरनेट बैंकिंग सक्रिय हो सकती है, जिससे किसी के पैसे की हेराफेरी हो सकती है।अपने सेल फोन को स्वचालित रूप से अपडेट करने के लिए सॉफ्टवेयर सेट करके सुरक्षित रखें।पासवर्ड को नियमित रूप से बदलें।मल्टी- फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करके अपने खातों को सुरक्षित रखें। एंटीवायरस इंस्टॉल करें और नियमित रूप से अपडेट करें।
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(Udaipur Kiran)