Haryana

प्रौढ़ शिक्षा कर्मी यूनियन ने जेबीटी अध्यापकों की तरह मांगी ग्रेज्युटी

चंडीगढ़, 4 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणा की प्रौढ़ शिक्षा कर्मी यूनियन ने जेबीटी अध्यापकों की तर्ज पर उनकी ग्रेज्युटी व पेंशन भी जल्द से जल्द जारी किए जाने की मांग की है। यूनियन ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांगा है।

चंडीगढ़ में रविवार काे पत्रकारों से बातचीत में यूनियन के पदाधिकारी सत्यपाल शर्मा ने कहा कि वर्ष 1978 में राज्य में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम चलाया गया था। वर्ष 1988 में इस कार्यक्रम में सेवारत कर्मचारियों की नियमित कर्मचारियों के सम्मान वेतन की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुये राज्य सरकार को निर्देश दिये थे। वर्ष 1990 में राज्य सरकार ने प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम बंद करने का निर्णय लिया गया। जिसके विरूद्ध कर्मचारी कोर्ट में चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने याची तथा उन समान अन्य कर्मचारियों को उनकी योग्यता के आधार पर शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी में समायोजन के आदेश दे दिए।

वर्ष 1993 में उक्त आदेशों की पूर्ण अनुपालन न होने के कारण दायर की गई कंटेंप्ट पिटीशन को ये कहते हुये खारिज कर दिया कि 28 करोड़ एरिएर में से सरकार 20 करोड़ के करीब दे चुकी है। अतः: ये विथ फुल्ल कंटेंप्ट के दायरे में नही आती। इस फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने शेष 8 करोड़ रुपये विद होल्ड कर लिये। उन आदेशों के संदर्भ में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम में कार्य कर रहे कर्मचारियों (लिपिक, चपरासी, ड्राइवर आदि) की 22 श्रेणियों में से 21 श्रेणियों के कर्मचारियों को समायोजित कर लिया गया। परंतु इंस्ट्रक्टर (जे.बी.टी.) को समायोजित करने की कार्यवाही आज तक पूरी नहीं हुई। सरकार ने बकाया आठ करोड़ का भुगतान तो कर दिया लेकिन ग्रेज्युटी व पेंशन का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इस संबंध में फाइल दफ्तरों में दबी हुई हैं। पूर्व प्रौढ़ शिक्षा कर्मियों ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात के लिए समय मांगा है। जल्द ही उनसे मुलाकात की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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