
सिरसा, 18 मई (Udaipur Kiran) । सिरसा जिला के गांव शेरपुरा में रविवार को कृषि विभाग द्वारा किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें ग्वार की बिजाई एवं उसकी सुरक्षा को लेकर कृषि विशेषज्ञों ने जानकारी दी। ग्वार विशेषज्ञ डॉ.बीडी यादव ने कहा कि भूमि की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उसमें निरंतर कृषि प्रयोग करते रहना आवश्यक है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि यदि फसलों में किसी प्रकार का रोग उत्पन्न हो तो तुरंत कृषि अधिकारी से संपर्क कर उचित सलाह लें। उन्होंने फसल सुरक्षा के लिए जैविक और रासायनिक उपायों की जानकारी भी विस्तार से दी।
डॉ. यादव ने बताया कि ग्वार की खेती में जल प्रबंधन, समय पर निराई-गुड़ाई और कीट नियंत्रण अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि समय पर कीटनाशकों का प्रयोग और फसलचक्र अपनाने से उत्पादन में बढ़ोतरी की जा सकती है। डाॅ.यादव ने बताया कि उखेड़ा बीमारी के जीवाणु जमीन में पनपते हैं व ग्वार के उगते हुए पौधों की जड़ों को काला कर देते हैं। जिससे पौधे जमीन से नमी व खुराक लेना बंद कर देते हैं। इस कारण पौधे मुरझाकर पीले होकर नष्ट जाते हैं। ऐसे पौधों को जब जमीन से उखाड़ कर देखते हैं तो उनकी जड़े काली मिलती हैं।
कृषि अधिकारी डा. संतलाल व डॉ. मदन लाल ने बताया कि इस कार्यकर्म का मुख्य उद्देश्य किसानों को बीज उपचार और ग्वार की पैदावार बढ़ानें की नई तकनीक के बारे में नवीन जानाकारी देना है। इसके साथ-साथ उन्होंने फसलचक्र अपनाने की जानकारी दी और इसके महत्व के बारे में बताया। उन्होंने किसानों को ग्वार की उन्नत खेती तथा फसल सुरक्षा से संबंधित जानकारी प्रदान की। किसान गोष्ठी में क्षेत्र के किसानों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और इसे किसानों के लिए लाभदायक बताया।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
