पत्र में धरना व प्रदर्शन अस्पताल परिसर से बाहर करने के निर्देश
पांचवे दिन भी जारी रही एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल, की जोरदार नारेबाजी
हिसार, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । पांच दिनों से चल रही एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल पर अब प्रशासन सख्त होने लगा है। अधिकारियों ने नागरिक अस्पताल को सार्वजनिक स्थान बताते हुए हड़ताली संगठनों व कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अस्पताल परिसर से बाहर अपना आंदोलन चलाएं।
इस संबंध में मंगलवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर सिविल सर्जन की ओर से पत्र जारी किया गया है। एएनएम कर्मचारी सांझा मोर्चा के जिला प्रधान, एएनएम कर्मचारी संघ के जिला प्रधान व हड़ताली एएनएम कर्मचारियों को निर्देशित इस पत्र में कहा गया है कि नागरिक अस्पताल सार्वजनिक स्थान है। यहां पर आए दिन मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं, मरीज दाखिल भी हैं और अन्य लोग भी जरूरी कार्यों से आते हैं। अस्पताल परिसर में चल रही हड़ताल व नारेबाजी से न केवल मरीज परेशान हो रहे हैं बल्कि नियमित रूप से ड्यूूटी करने वाले कर्मचारी भी डिस्टर्ब हो रहे हैं। जिला प्रशासन के निर्देशों का हवाला देते हुए पत्र में निर्देश दिया गया है कि हड़ताली अपना आंदोलन अस्पताल परिसर से बाहर चलाएं। पत्र की प्रति उपायुक्त को भेजते हुए उन्हें भी अवगत करवा दिया गया है।
उधर, एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल पांचवे दिन भी जारी रही। हड़ताली संगठन ने आरोप लगाया है कि मरीजों की सांसों के साथ खिलवाड़ हो रहा है और एंबुलेंस में बिना ईएमटी सीरियस मरीज रेफर हो रहे हैं। जिला प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि हड़ताल की वजह से जन जीवन प्रभावित हो रहा है लेकिन सरकार द्वारा कर्मचारियों के मांगों के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाया जा रहा है । उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस के चालक व ईएमटी हड़ताल पर होने के कारण एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह से बाधित हो चुकी है। अगर कोई एम्बुलेंस चल रही है वो भी बिना ईएमटी के चल रही है जोकि मरीजो की जान से खिलवाड़ है। जिले के उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर एनएचएम के तहत एएनएम कार्यरत हैं जो बच्चों का टीकाकरण कार्यक्रम चलाती है। उनके द्वारा हड़ताल पर जाने के कारण टीकाकरण के सेशन नहीं लगाए जा रहे व बच्चों का टीकाकरण ठप्प हो गया है।
जिला प्रधान ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की जांच जांचें एनएचएम की एएनएम करती है जिससे की उच्च जोखिम वाली महिलाओं (हाई बीपी, खून की कमी) को ढूंढ़कर उनको आगामी जांच के लिए डॉक्टर के पास भेजा जाता है। एएनएम के हड़ताल पर होने के कारण गर्भवती महिलाओं की जांच नहीं हो पा रही। सभी पीएचसी, सीएचसी, एसडीएच व जिला अस्पताल पर डिलीवरी एनएचएम की स्टाफ नर्स द्वारा की जाती है। एनएचएम की सभी स्टाफ नर्स हड़ताल पर होने के कारण सभी स्वास्थ्य संस्थाओं पर डिलीवरी का कार्य ठप्प हो गया है। इसी तरह बच्चों की नर्सरी में कार्यरत सभी स्टाफ नर्स, काउंसलर व डाटा एंट्री ऑपरेटर हड़ताल पर होने के कारण (एसएनसीयू) का कार्य ठप्प हो गया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डॉक्टर, एएनएम, एलटी व फार्मासिस्ट, स्कूल व आंगनवाडी पर जाकर बच्चों की जन्म डिफेक्ट के लिए जांच करते हैं व उनके ऑपरेशन डीईआईसी के माध्यम से करवाते हैं, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम व डीईआइसी के सभी कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर जाने के कारण बच्चों का स्वास्थ्य जोखिम में हैं। इसी तरह निरोगी हरियाणा प्रोग्राम भी बाधित हो रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा चिरायु लाभार्थियों के स्वास्थ्य के जांच के लिए निरोगी कार्यक्रम शुरू किया गया है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत सीएचओ द्वारा चिरायु लाभार्थियों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। जिले के सभी सीएचओ हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे निरोगी कार्यक्रम पूरी तरह से ठप्प हो गया है।
जिला प्रधान ने बताया कि एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से 100 दिन का एनीमिया उन्मूलन अभियान, एनसीडी स्क्रीनिंग (गैर संचारी रोग), आयुष प्रोग्राम, टेली कंसल्टेशन, टीबी कार्यक्रम, लाभार्थियों को वित्तीय भुगतान, राष्ट्रीय व राज्य के सभी कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग के साथ साथ शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं का कार्य बाधित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी शहरी स्वास्थ्य संस्थानों का समस्त स्टाफ एनएचएम के अंतर्गत आता है जिसमें डॉक्टर, स्टाफ नर्स, एएनएम, एलटी, फार्मासिस्ट, सूचना सहायक व लेखाकार शामिल हैं। इनमें कोई भी नियमित स्टाफ कार्यरत नहीं है। सारे स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने के कारण शहरी आबादी को दवाइयां व स्वास्थ्य जांच इत्यादि नहीं मिल पा रही है।
धरने पर जिला प्रधान अनिल कुमार, उप प्रधान बीएस नैन, डॉ. संदीप बूरा, डॉ. रचना, डॉ. छाया लांबा, डॉ. अमिता सैनी, शीला एएनएम, ओमप्रकाश वर्मा, सुशील मोर, सुदेश, अंकित, सविता एएनएम आदि ने संबोधित किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर शर्मा