मेरठ, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय लोकदल का भाजपा के साथ चुनावी गठबंधन इस बार लंबा चलने की संभावना है। प्रदेश सरकार में आयोगों और बोर्डों के पुनर्गठन में रालोद नेताओं को भी स्थान मिलना शुरू हो गया है। मेरठ के रालोद नेता नरेंद्र खजूरी को प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का सदस्य बनाया गया है।
लोकसभा चुनाव से पहले रालोद और भाजपा के बीच गठबंधन हुआ था। गठबंधन समझौते के तहत बागपत और बिजनौर लोकसभा सीटें रालोद के हिस्से में आई थी। इन दोनों ही सीटों पर रालोद के सांसद चुने गए। इसके साथ ही प्रदेश सरकार में रालोद विधायक अनिल कुमार को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। एक एमएलसी का पद भी रालोद को दिया गया। केंद्र में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने पर रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का महत्वपूर्ण पद दिया गया। हालांकि रालोद के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए इस गठबंधन के लंबा चलने पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन भाजपा ने बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए अपना दिल भी बड़ा कर लिया है। इसी कारण प्रदेश में चल रहे विभिन्न आयोगों, बोर्डों के पुनर्गठन में रालोद नेताओं को भी प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग में मेरठ निवासी रालोद नेता नरेंद्र खजूरी सदस्य बनाया गया है। इसके साथ ही मेरठ के भाजपा नेता हरेंद्र जाटव भी सदस्य बनाए गए हैं।
निष्ठावान कार्यकर्ताओं को मिल रहा वफादारी का इनाम
रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने पार्टी के निष्ठावान नेताओं को उनकी वफादारी का पुरस्कार देना शुरू किया है। इसी शुरूआत 2024 के लोकसभा चुनावों से हुई, जबकि पार्टी के पुराने नेता डॉ. राजकुमार सांगवान को बागपत से चुनाव लड़ाया गया और वे सांसद चुने गए। अब दलित समाज से आने वाले नरेंद्र खजूरी को सदस्य बनाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को नया संदेश दिया गया है। नरेंद्र खजूरी की गिनती रालोद के निष्ठावान नेताओं में होती है। रालोद ने 2007 में नरेंद्र खजूरी को सिवालखास विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया था। उस समय वह चुनाव नहीं जीत पाए थे। वे रालोद मुखिया जयंत सिंह के करीबी माने जाते हैं।
(Udaipur Kiran) / डॉ.कुलदीप त्यागी / मोहित वर्मा