एक्ट्रेस और भाजपा सांसद कंगना रनौत ने एक बार फिर बॉलीवुड की आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बॉलीवुड यानी हिंदी सिनेमा में अभिनेत्रियों का शोषण किया जा रहा है। ये बयान उन्होंने एक इंटरव्यू में दिया है।
उन्होंने इंटरव्यू में कहा, अगर मैं करण जौहर को चाचा चौधरी कहूं तो क्या गलत है? करण जौहर का धर्म क्या है ? मैं किसी से बात नहीं कर रही हूं, लेकिन हिंदी सिनेमा में क्या होता है ये सभी जानते हैं। यहां हवाला, ड्रग्स सब चलता है। जब मेरा जन्म भी नहीं हुआ था, तब 1986 से पहले हिंदी सिनेमा में लोग दाऊद के साथ घूम रहे थे, क्या यह मेरी गलती है? मेरे पिता जी कांग्रेस में थे। जब मैंने गैंगस्टर फिल्म की तो कांग्रेस ने मुझे एमएलए का टिकट ऑफर किया।
अभिनेत्रियों का शोषण किया जाता है
बॉलीवुड में अभिनेता ही अभिनेत्रियों का शोषण करते हैं। रात के खाने के लिए बुलाना, उनके घर जाना, संदेश भेजना, क्या आप जानते हैं इसके बाद क्या होता है? अगर फिल्म में कोई लव सीन हो तो बात अलग होती है लेकिन सबसे ज्यादा शोषण अभिनेता, हीरो ही करते हैं। खान हो या कुमार, मुझे किसी से कोई दिक्कत नहीं है।’
अभिनेत्रियों को बिल्कुल भी सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता है
कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। कितनी भयानक घटना है। मुझे रेप की धमकी दी गई। समाज में भी महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता। फिल्म इंडस्ट्री भी इससे अलग नहीं है, अगर कोई लड़की कॉलेज में जाती है तो उसकी बॉडी पर कमेंट किए जाते हैं। सिनेमा में हीरो कोई अलग नहीं है। मैं अकेली नहीं हूं, जिसने बॉलीवुड में शोषण होने की बात कही है। फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन कोरियोग्राफर रहीं सरोज खान ने भी कहा था, ‘बॉलीवुड में रेप होते हैं, लेकिन रोटी का मतलब खाना है।’ अभिनेत्रियों के साथ इतने निचले स्तर का व्यवहार किया जाता है। अभिनेत्रियों की ऐसी दुर्दशा हो चुकी है। अगर मैं ऐसे सिनेमा में जाऊं और अपनी पहचान बनाऊं तो मुझे साइको समझ लिया जाता है।’
सलमान, शाहरुख के साथ काम नहीं किया तो क्या आसमान टूट पड़ा?
अगर मैं सलमान खान और शाहरुख खान के साथ काम नहीं करूंगी तो क्या फर्क पड़ेगा ? एक समय था जब मैंने सोचा था कि मैं उनके साथ काम करूंगी, लेकिन दस साल में मुझे कई बार रिजेक्ट किया गया। मैंने आइटम गाने, कॉमेडी सीन करने का काम नहीं किया है। मैंने अपनी पहचान बना ली है। सलमान खान और शाहरुख खान क्या हैं ? अगर आप उनके साथ काम नहीं करेंगे तो क्या आसमान टूट पड़ेगा? ऐसा सवाल कंगना ने भी उठाया था। अगर मुझे लगता है कि मैं अपने अस्तित्व के साथ ठीक हूं तो इसमें गलत क्या है?
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(Udaipur Kiran) / लोकेश चंद्र दुबे