
जयपुर, 5 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश में लू के हालातों से निपटने के लिए बनाए गए एक्शन प्लान की जानकारी देने को कहा है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में केन्द्र सरकार सहित अन्य से जवाब पेश करने को कहा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस मुकेश राजपुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए। वहीं अदालत ने समान बिंदु पर एकलपीठ की ओर से गत दिनों लिए प्रसंज्ञान को निस्तारित कर दिया। अदालत ने कहा कि जब मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर मामला खंडपीठ में सुनवाई के लिए भेजा गया है तो उस विषय पर पुन: स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेने का कोई औचित्य नहीं है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि लू को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जा चुका है। इसके साथ ही लू सहित जलवायु संरक्षण को लेकर एक्शन प्लान बनाया गया है। इसके अलावा एजी ने कहा कि समान मुद्दे पर पूर्व में ही प्रसंज्ञान लिया जा चुका है। ऐसे में फिर से प्रसंज्ञान लेने की जरूरत नहीं है। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को एक्शन प्लान पेश करने के साथ ही अन्य पक्षकारों को जवाब देने के निर्देश देते हुए बाद में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान को निस्तारित कर दिया है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत वर्ष तीस मई को मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए कई अंतरिम निर्देश दिए थे। इसके साथ ही मामले को सुनवाई के लिए खंडपीठ में भेजा गया था। वहीं समान एकलपीठ ने गत दिनों एक बार फिर से इसी मुद्दे पर पुन: स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर मामले को जनहित याचिका के तौर पर सूचीबद्ध करने को कहा था।
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(Udaipur Kiran)
