HEADLINES

एसीएस प्रवीण गुप्ता और सावंत के सिविल कारावास पर रोक

कोर्ट

जयपुर, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रवीण गुप्ता और भास्कर ए सावंत को बड़ी राहत देते हुए वाणिज्यिक न्यायालय के उन आदेशों पर रोक लगा दी है, जिसमें दोनों अधिकारियों को तीन-तीन माह के सिविल कारावास की सजा दी गई थी। इसके साथ ही अदालत ने मामले में अग्रिम कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से जुडे मामले में अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व में ही एसएलपी खारिज होने के बाद संबंधित कंपनी को बकाया भुगतान की कार्रवाई शुरू कर दी थी। समान मामले में पूर्व में दायर याचिका में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को भी इसकी जानकारी दी थी। इसके बावजूद भी वाणिज्यिक न्यायालय ने एसीएस प्रवीण गुप्ता को सिविल कारावास देने का आदेश जारी कर दिया। इसके अलावा पीएचईडी के मामले में आर्बिट्रेटर के आदेश के खिलाफ वाणिज्यिक न्यायालय में स्टे प्रार्थना पत्र पर पूर्व में सुनवाई अधूरी रही थी। उस प्रार्थना पत्र के लंबित रहने के दौरान ही वाणिज्यिक अदालत ने मनमानी पूर्वक अतिरिक्त मुख्य सचिव भास्कर ए सावंत को तीन माह का सिविल कारावास का आदेश दे दिया। ऐसे में दोनों आदेशों की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दोनों अधिकारियों को दिए सिविल कारावास के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले में अग्रिम कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

गौरतलब है कि नागौर मुकुंदगढ हाईवे प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2020-21 में सडक का निर्माण किया था। जिसके कांट्रेक्ट में प्रावधान था कि तय समय से पहले रोड निर्माण होने पर कंपनी को बोनस दिया जाएगा। तय अवधि से पूर्व निर्माण होने के बाद भी बोनस भुगतान नहीं करने पर मामला आर्बिट्रेटर के समक्ष गया। भुगतान को लेकर आर्बिट्रेटर के आदेश को वाणिज्यिक न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चुनौती दी गई, लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग को राहत नहीं मिली। वहीं कुल करीब 167 करोड रुपए के बकाया भुगतान को लेकर वाणिज्यिक न्यायालय ने विभाग की संपत्तियों की सूची मांगी, ताकि उनको कुर्क कर राशि दिलवाई जा सके। न्यायालय ने मामले में भुगतान को लेकर विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव गुप्ता का शपथ पत्र मांगा, जिसके नहीं मिलने पर न्यायालय ने गुप्ता को तीन माह के सिविल कारावास की सजा के आदेश दिए। जबकि दूसरी ओर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के पाइपलाइन डालने के प्रोजेक्ट में करीब 31 करोड रुपए का भुगतान नहीं होने के मामले में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भास्कर ए सावंत को तीन माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में आर्बिट्रेटर की ओर से एल एंड टी कंपनी के पक्ष में करीब 31 करोड रुपए के भुगतान का आदेश दिया। इसकी पालना को मामला वाणिज्यिक न्यायालय पहुंचा था।

—————

(Udaipur Kiran)

Most Popular

To Top